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संत श्री तिरुवल्लुवर की उत्कृष्ट कृति तिरुक्कुरल क्या है?

तिरुक्कुरल, संत श्री तिरुवल्लुवर की एक उत्कृष्ट कृति क्या है?: श्री तिरुवल्लुवर को तमिलों द्वारा स्नेह पूर्वक वल्लुवर कहा जाता है। उनका ‘थिरुक्कुरल’, 1,330 दोहों (तमिल में ‘कुरल’) का एक संग्रह है, जो प्रत्येक तमिल घराने का एक अनिवार्य हिस्सा है, उसी तरह जैसे भगवद गीता या रामायण पारंपरिक उत्तर भारतीय हिंदू घरों में हैं।

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प्रसंग

  • समाचार में: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जनवरी, 2023 को तिरुवल्लुवर दिवस पर श्री तिरुवल्लुवर को श्रद्धांजलि अर्पित की तथा उनके महान विचारों का स्मरण किया। उन्होंने युवाओं से तमिल कवि एवं दार्शनिक तिरुवल्लुवर के विचारों वाली पुस्तक कुरल को पढ़ने का आग्रह किया।
  • पृष्ठभूमि: 15/16 जनवरी को महान तमिल ऋषि तिरुवल्लुवर के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, जिनकी कृति, तिरुक्कुरल, तमिल वेद के रूप में जानी जाती है। उनकी इस रचना में अविश्वसनीय ज्ञान के दोहे हैं जिनमें से प्रत्येक में केवल सात शब्द हैं।

 

श्री तिरुवल्लुवर के बारे में?

  • तमिलों द्वारा श्री तिरुवल्लुवर को प्यार से वल्लुवर कहा जाता है।
  • तिरुवल्लुवर एक प्राचीन संत, कवि एवं एक दार्शनिक के रूप में भी पूजनीय हैं।
  • उनका ‘तिरुक्कुरल’, 1,330 दोहों (तमिल में ‘कुरल’) का एक संग्रह है, जो प्रत्येक तमिल घराने का एक अनिवार्य हिस्सा है – उसी तरह, जैसे, कहते हैं, भगवद गीता  अथवा रामायण पारंपरिक उत्तर भारतीय हिंदू घरों में हैं।

Sri Thiruvalluvar

श्री तिरुवल्लुवर

  • वह तमिलों के लिए अपनी सांस्कृतिक जड़ों का पता लगाने के लिए एक आवश्यक आश्रय  हैं; तमिलों को उनके दोहे शब्द-दर-शब्द सीखना तथा उनके दैनिक जीवन में उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करना सिखाया जाता है।
  • 16 वीं शताब्दी के प्रारंभ में, तिरुवल्लुवर को समर्पित एक मंदिर चेन्नई के मायलापुर में एकम्बरेश्वर मंदिर परिसर के भीतर निर्मित किया गया था। स्थानीय लोगों का मानना ​​है कि उनका जन्म यहीं मंदिर परिसर के भीतर एक वृक्ष के नीचे हुआ था।
महत्वपूर्ण तथ्य

तिरुवल्लुवर की आरंभिक रचना तिरुक्कुरल में 1330 दोहे (कुरल) हैं जो प्रत्येक 10 दोहे के 133 खंडों में विभाजित हैं। इस रचना को धर्म, अर्थ एवं काम (पुण्य, धन तथा प्रेम) पर शिक्षाओं के साथ तीन भागों में विभाजित किया गया है।

 

तिरुक्कुरल क्या है?

  • कितना प्राचीन है?: तिरुक्कुरल तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से 5वीं शताब्दी ईसवी के मध्य कहीं से भी दिनांकित है। बाद की तिथि ऊपरी सीमा के रूप में अत्यधिक निश्चित है क्योंकि तिरुक्कुरल के एक पद को मनिमेकलाई में शब्दशः उद्धृत किया गया है, जो तमिल संगम काल की पांच प्रसिद्ध रचनाओं में से एक है।
  • कैसी रचना है?: तिरुक्कुरल में 133 अध्यायों (अधिकरम) में 1330 दोहे हैं, जिनमें से प्रत्येक में 10 छंद हैं।
  • कितने भाग हैं ?: इस रचना को तीन प्रमुख भागों (पाल), अर्थात् सदाचार (अरम), समृद्धि (पोरुल) एवं आनंद (कामम) में विभाजित किया गया है। तमिल में, मुक्ति के चौथे तत्व (वितु) के साथ इन तीनों को  सम्मिलित रूप से उरुधिपोरुल कहा जाता है, जो कि “चीजें” (पोरुल) हैं जो जीवन के लिए “आधारभूत आधार” (उरुधि) प्रदान करती हैं। जबकि यह रचना वितु (मुक्ति) को संबोधित नहीं करता है क्योंकि यह समाज में रहने वाले लोगों के लिए है, यह मुक्ति प्राप्त करने के साधन के रूप में तुरवरम (त्याग) को कवर करता है। वैदिक हिंदू धर्म के चार पुरुषार्थों के समान ही, अर्थात्, धर्म, अर्थ, काम एवं मोक्ष।
  • सनातन धर्म का एक अनिवार्य हिस्सा: तिरुक्कुरल भी इस बात की पुष्टि करने का एक प्रमुख प्रमाण है कि तमिल संस्कृति सनातन धर्म के गुलदस्ते में  सर्वाधिक सुंदर पुष्पों में से एक है एवं वैदिक परंपरा से  पृथक नहीं है। जैसा कि अनेक कुरल वेदों, ब्राह्मणों के कर्तव्यों, गायों की रक्षा एवं इंद्र, लक्ष्मी तथा वामन जैसे देवताओं का उल्लेख करते हैं।

 

 

महत्वपूर्ण तथ्य

तिरुक्कुरल को विद्वानों द्वारा “बिना नाम वाली पुस्तक, बिना नाम वाले व्यक्ति द्वारा” कहा गया है। दोनों नाम सदियों बाद आए!

 

तिरुक्कुरल के बारे में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न 

प्र. कुरल या तिरुक्कुरल क्या है?

उत्तर. तिरुवल्लुवर की आरंभिक रचना तिरुक्कुरल में 1330 दोहे (कुरल) हैं जो प्रत्येक 10 दोहे के 133 खंडों में विभाजित हैं। इस रचना को धर्म, अर्थ एवं काम (पुण्य, धन तथा प्रेम) पर शिक्षाओं के साथ तीन भागों में विभाजित किया गया है।

 

प्र. किस प्राचीन संत को वल्लुवर के नाम से भी जाना जाता है?

उत्तर. तमिलों द्वारा श्री तिरुवल्लुवर को प्यार से वल्लुवर कहा जाता है। तिरुवल्लुवर एक प्राचीन संत, कवि एवं दार्शनिक के रूप में भी पूजनीय हैं।

 

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FAQs

What Is Kural or Thirukkural?

Thiruvalluvar’s primary work Thirukkural contains 1330 couplets (kurals) that are divided into 133 sections of 10 couplets each. The text is divided into three parts with teachings on dharma, artha, and kama (virtue, wealth and love).

Which Ancient Sant Is Also Known As Valluvar?

Sri Thiruvalluvar is fondly referred to as Valluvar by Tamils. Thiruvalluvar is also revered as an ancient sant, poet, and a philosopher.