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निर्यात योजना के लिए व्यापार अवसंरचना (TIES), निर्यात वृद्धि के लिए अवसंरचना का निर्माण

निर्यात योजना के लिए व्यापार अवसंरचना (टीआईईएस): यह निर्यात की वृद्धि के लिए उपयुक्त आधारिक अवसंरचना निर्मित करने में केंद्र एवं राज्य सरकार की एजेंसियों की सहायता करने के लिए एक सरकारी योजना है। ट्रेड इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर एक्सपोर्ट स्कीम (TIES) यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023 एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 3- भारत के निर्यात को सुगम बनाना एवं प्रोत्साहित करना) के लिए महत्वपूर्ण है।

निर्यात योजना के लिए व्यापार अवसंरचना (ट्रेड इन्फ्राट्रक्चर फॉर एक्सपोर्ट स्कीम/टीआईईएस) चर्चा में क्यों है?

हाल ही में, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री, श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने एक संसदीय प्रश्न के उत्तर में ट्रेड इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर एक्सपोर्ट स्कीम (टीआईईएस) के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी।

निर्यात योजना के लिए व्यापार अवसंरचना (टीआईईएस) क्या है?

निर्यात योजना के लिए व्यापार अवसंरचना (टीआईईएस) भारत सरकार की एक पहल है जिसका उद्देश्य व्यापार से संबंधित आधारिक संरचना तथा सुविधाओं के विकास एवं सुधार के द्वारा भारत की वस्तुओं तथा सेवाओं की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि करना है।

  • मूल मंत्रालय: TIES केंद्रीय क्षेत्र की एक योजना है जिसे वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा 2017 में प्रारंभ किया गया था।
  • अनुदान: टीआईईएस के तहत, सरकार राज्य सरकारों एवं केंद्रीय एजेंसियों को आधारिक अवसंरचना के निर्माण अथवा उन्नयन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है जो निर्यात को प्रोत्साहित करने हेतु आवश्यक है।
  • विस्तार क्षेत्र: TIES योजना में व्यापार से संबंधित बुनियादी ढांचे के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है जैसे कि नवीन आधारिक संरचना स्थापित करना, मौजूदा आधारिक अवसंरचना का आधुनिकीकरण एवं उन्नयन तथा निर्यातकों के लिए आवश्यक उपकरण एवं सुविधाएं प्रदान करना।
  • परियोजना का वित्तपोषण: वित्त वर्ष 2019-20, 2020-21 2021-22 एवं 2022-23 के दौरान टीआईईएस योजना के तहत कुल 40 निर्यात आधारिक अवसंरचना परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता को स्वीकृति प्रदान की गई है।
  • महत्व: वाणिज्य विभाग देश से वस्तुओं एवं सेवाओं के निर्यात में वृद्धि को सुविधाजनक बनाने के लिए राज्य सरकारों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर कार्य कर रहा है।
    • इसमें उन्हें एक व्यापक निर्यात रणनीति विकसित करने में सहायता प्रदान करना शामिल है जो संपूर्ण मूल्यांकन प्रक्रिया के माध्यम से प्रत्येक राज्य की क्षमता का लाभ उठाती है।

एक्सपोर्ट स्कीम फॉर ट्रेड इंफ्रास्ट्रक्चर (TIES) परियोजना का वित्तपोषण

निर्यात योजना के लिए व्यापार अवसंरचना (एक्सपोर्ट स्कीम फॉर ट्रेड इंफ्रास्ट्रक्चर/टीआईईएस) योजना विभिन्न प्रकार की आधारिक अवसंरचना परियोजनाओं के लिए वित्त उपलब्ध कराती है जैसे:

  1. सीमा हाट: ये स्थानीय बाजार हैं जो भारत एवं पड़ोसी देशों के मध्य व्यापार को प्रोत्साहित करने हेतु भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थापित किए जाते हैं।
  2. कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर: इसमें फलों, सब्जियों एवं डेयरी उत्पादों जैसे खराब होने वाली वस्तुओं के लिए भंडारण तथा परिवहन अवसंरचना शामिल है।
  3. शुष्क बंदरगाह: ये अंतर्देशीय बंदरगाह हैं जो कार्गो के प्रबंधन तथा भंडारण के लिए सुविधाओं से लैस हैं।
  4. निर्यात संवर्धन औद्योगिक पार्क (एक्सपोर्ट प्रमोशन इंडस्ट्रियल पार्क/ईपीआईपी): ये औद्योगिक पार्क हैं जो विशेष रूप से निर्यातोन्मुखी इकाइयों के लिए विकसित किए गए हैं।
  5. कृषि निर्यात के लिए व्यापार संबंधी आधारिक अवसंरचना: इसमें कृषि उत्पादों के लिए पैक-हाउस, परिपाक कक्ष तथा विकिरण सुविधाएं जैसी सुविधाएं शामिल हैं।

निष्कर्ष

टीआईईएस योजना का उद्देश्य भारत के निर्यात क्षेत्र का समर्थन करने वाली आधारिक अवसंरचना में सुधार करके निर्यात-आधारित विकास को प्रोत्साहित करना है। इसका उद्देश्य निर्यात क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर सृजित करके देश में रोजगार एवं आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।

निर्यात योजना के लिए व्यापार अवसंरचना (एक्सपोर्ट स्कीम फॉर ट्रेड प्रमोशन/टीआईईएस) के संदर्भ में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न: निर्यात योजना के लिए व्यापार अवसंरचना (एक्सपोर्ट इंपोर्ट ट्रेड प्रमोशन/टीआईईएस) क्या है?

उत्तर: निर्यात योजना के लिए व्यापार अवसंरचना (एक्सपोर्ट स्कीम फॉर ट्रेड प्रमोशन/टीआईईएस) भारत सरकार द्वारा देश में निर्यात से संबंधित आधारिक संरचना निर्मित करने तथा उन्नत करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु प्रारंभ किया गया एक कार्यक्रम है।

प्रश्न: टीआईईएस योजना का उद्देश्य क्या है?

उत्तर: TIES योजना का प्राथमिक उद्देश्य आधारिक संरचना में अंतराल को पाटकर निर्यात प्रतिस्पर्धा में वृद्धि करना है, जिसमें परिवहन, भंडारण, कोल्ड स्टोरेज, गुणवत्ता परीक्षण तथा प्रमाणन, व्यापार संवर्धन के लिए व्यापार से संबंधित  आधारिक संरचना एवं अंतिम बिंदु- संपर्क (लास्ट माइल कनेक्टिविटी) जैसे क्षेत्र शामिल हो सकते हैं। ।

प्रश्न: टीआईईएस योजना के लिए आवेदन करने के लिए कौन पात्र है?

उत्तर: कोई भी केंद्रीय या राज्य एजेंसी, जिसमें निर्यात संवर्धन परिषद (एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल/ईपीसी), कमोडिटी बोर्ड, एसईजेड प्राधिकरण एवं शीर्ष व्यापार निकाय शामिल हैं, टीआईईएस योजना के तहत वित्तीय सहायता के लिए आवेदन कर सकते हैं। निजी क्षेत्र की संस्थाएं जैसे कि व्यक्तिगत फर्म एवं कंपनियां आवेदन करने के लिए पात्र नहीं हैं।

प्रश्न: टीआईईएस योजना के तहत किस प्रकार की आधारिक अवसंरचना परियोजनाओं को वित्त पोषित किया जा सकता है?

उत्तर: TIES योजना निर्यात से संबंधित आधारिक अवसंरचना परियोजनाओं की एक श्रृंखला के लिए धन उपलब्ध कराती है, जिसमें सामान्य अपशिष्ट उपचारण संयंत्र, कोल्ड चेन, व्यापार संवर्धन केंद्र, गुणवत्ता परीक्षण एवं प्रमाणन प्रयोगशालाएं तथा अंतिम बिंदु – संपर्क (लास्ट माइल कनेक्टिविटी) परियोजनाएं शामिल हैं।

प्रश्न: टीआईईएस योजना के तहत उपलब्ध धन की अधिकतम राशि क्या है?

उत्तर: टीआईईएस योजना के तहत एक परियोजना के लिए उपलब्ध धन की अधिकतम राशि 20 करोड़ रुपये है। हालांकि,  वित्तीयन की वास्तविक राशि परियोजना की प्रकृति, इसके दायरे एवं आवश्यक वित्तीय सहायता की सीमा पर निर्भर करेगी।

प्रश्न: मैं टीआईईएस योजना के तहत वित्तीय सहायता के लिए कैसे आवेदन कर सकता हूं?

उत्तर: इच्छुक आवेदक वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा होस्ट किए गए एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपने प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकते हैं। प्रस्तावों का मूल्यांकन विशेषज्ञों की एक समिति द्वारा किया जाएगा तथा चयनित परियोजनाओं को उनकी पात्रता तथा योग्यता के आधार पर धन उपलब्ध कराया जाएगा।

 

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FAQs

What is the Trade Infrastructure for Export Scheme (TIES)?

The Trade Infrastructure for Export Scheme (TIES) is a program launched by the Government of India to provide financial assistance for creating and upgrading export-related infrastructure in the country.

What is the objective of the TIES scheme?

The primary objective of the TIES scheme is to enhance export competitiveness by bridging the gaps in infrastructure, which could include areas such as transportation, storage, cold storage, quality testing and certification, trade-related infrastructure for trade promotion, and last-mile connectivity.

Who is eligible to apply for the TIES scheme?

Any central or state agency, including Export Promotion Councils (EPCs), Commodities Boards, SEZ authorities, and apex trade bodies, can apply for financial assistance under the TIES scheme. Private sector entities such as individual firms and companies are not eligible to apply.

What kind of infrastructure projects can be funded under the TIES scheme?

The TIES scheme provides funding for a range of export-related infrastructure projects, including setting up of common effluent treatment plants, cold chains, trade promotion centres, quality testing and certification labs, and last-mile connectivity projects.

What is the maximum amount of funding available under the TIES scheme?

The maximum amount of funding available for a single project under the TIES scheme is Rs. 20 crores. However, the actual amount of funding will depend on the nature of the project, its scope, and the extent of financial assistance required.

How can I apply for financial assistance under the TIES scheme?

Interested applicants can submit their proposals through an online portal hosted by the Ministry of Commerce and Industry. The proposals will be evaluated by a committee of experts, and funding will be provided to the selected projects based on their eligibility and merit.