Categories: Uncategorised

भारत में मृदा के प्रकार

भारत में मृदा के प्रकार: मृदा चट्टान के मलबे एवं कार्बनिक पदार्थों का मिश्रण है जो पृथ्वी की सतह पर विकसित होते हैं।  यद्यपि, संपूर्ण मृदा एक समान नहीं है एवं इसके घटकों में विभिन्नता पाई जाती है। पिछले लेख में, हमने मृदा की विभिन्न परतों पर चर्चा की है। आगामी तीन लेखों में हम विभिन्न प्रकार की मृदा पर चर्चा करेंगे। जहां इस लेख में हम जलोढ़ मृदा तथा काली मृदा पर चर्चा करेंगे।

भारत में मृदा के प्रकार

उत्पत्ति, रंग, संरचना तथा अवस्थिति के आधार पर, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने मृदा को 8 श्रेणियों में वर्गीकृत किया है।

  • जलोढ़ मृदा
  • काली कपास मृदा
  • लाल मृदा
  • लेटराइट मृदा
  • पर्वतीय या वन मृदा
  • शुष्क अथवा मरुस्थलीय मृदा
  • लवणीय  एवं क्षारीय मृदा
  • पीट तथा कच्छ मृदा / दलदली मृदा

जलोढ़ मृदा

  • जलोढ़ मृदा उत्तरी मैदानों एवं नदी घाटियों में विस्तृत है।
  • जलोढ़ मृदा भारत में  मृदा के कुल क्षेत्रफल का लगभग 46 प्रतिशत आच्छादित करने वाला सर्वाधिक बृहद मृदा समूह है।
  • चूंकि हिमालयी चट्टान मूल सामग्री है, वे निक्षेपण मृदा हैं, जो नदियों तथा धाराओं द्वारा वाहित एवं निक्षेपित की जाती हैं।

 

जलोढ़ मृदा की विशेषताएं

  • हाल ही की उत्पत्ति के कारण अपरिपक्व एवं दुर्बल संरचना
  • जलोढ़ मृदा की प्रकृति रेतीली दोमट से लेकर मृदा तक भिन्न होती है।
  • इस प्रकार की मृदा में गुटिकामय (कंकड़)  तथा बजरीमय मृदा दुर्लभ होती है। कुछ क्षेत्रों में कंकड़ (कैल्केरियस कंकरीशन) संस्तर भी उपस्थित हैं।
  • अपनी दोमट प्रकृति के कारण जलोढ़ मृदा सरंध्री होती है।
  • जलोढ़ मृदा आम तौर पर कृषि के लिए अच्छी होती है क्योंकि सरंध्रता एवं बनावट अच्छी जल अपवाह की स्थिति प्रदान करती है।
  • ये मृदा बाढ़ के कारण निरंतर पुनः पूर्त हो जाती है।

यूपीएससी एवं राज्य लोक सेवा आयोगों की परीक्षाओं हेतु नि शुल्क अध्ययन सामग्री प्राप्त करें

जलोढ़ मृदा के रासायनिक गुण

  • जलोढ़ मृदा आमतौर पर पोटाश में समृद्ध होती है किंतु फास्फोरस में क्षीण होती है।
  • नाइट्रोजन का प्रतिशत सामान्यत: कम होता है।
  • जलोढ़ मृदा का रंग हल्के भूरे से राख की भांति भूरे रंग में भिन्न भिन्न होता है।
  • इसका रंग निक्षेप की गहराई, सामग्री की बनावट एवं परिपक्वता प्राप्त करने में लगने वाले समय पर निर्भर  करता है।

 

भारत में जलोढ़ मृदा की उपस्थिति

  • ये उत्तरी मैदानों के अतिरिक्त गुजरात के मैदानी इलाकों में पाए जाते हैं। प्रायद्वीपीय क्षेत्र में, वे पूर्वी तट के डेल्टा तथा नदी घाटियों में पाए जाते हैं।
  • वे महानदी, गोदावरी, कृष्णा  एवं कावेरी के डेल्टा में भी पाए जाते हैं। यहाँ की मृदा को डेल्टाई जलोढ़ कहा जाता है।

 

जलोढ़ मृदा में उगाई जाने वाली फसलें

  • जलोढ़ मृदा कृषि एवं सिंचाई हेतु सर्वाधिक उपयुक्त होती है।
  • यह मृदा चावल, गेहूं, गन्ना, तंबाकू, कपास, जूट, मक्का, तिलहन, सब्जियों एवं फलों जैसी फसलों का समर्थन करती है।

 

भाबर, खादर, भांगर, तराई जैसे जलोढ़ मृदा के भूवैज्ञानिक विभाजनों के बारे में पढ़ने हेतु यहां क्लिक करें

काली मृदा

  • अधिकांश काली मृदा के लिए मूल चट्टान अपनी प्रकृति में ज्वालामुखी से उत्पन्न हैं जो दक्कन के पठार में  निर्मित हुए थे।
  • ये उच्च तापमान एवं अल्प वर्षा वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
  • इस मृदा को ‘रेगुर मृदा’ अथवा ‘काली कपास मृदा’ के रूप में भी जाना जाता है।

 

विशेषताएं

  • काली मृदा सामान्य तौर पर मृण्मय (चिकनी), गहरी तथा अभेद्य होती है।
  • सामान्य तौर पर, काली मृदा घाटियों की तुलना में उच्च भूमियों (ऊपरी इलाकों) में अधिक उपजाऊ होती है।
  • गीले होने पर वे फूल जाते हैं तथा चिपचिपे हो जाते हैं एवं सूखने पर सिकुड़ जाते हैं।
  • अतः शुष्क मौसम में इन मृदाओं में बड़ी दरारें पड़ जाती हैं, जिसके कारण इन्हें स्व-जुताई कहा जाता है।
  • धीमी गति से अवशोषण एवं आद्रता की हानि के कारण काली मृदा बहुत लंबे समय तक नमी बरकरार रखती है जो फसलों, विशेष रूप से वर्षा से प्रभावित फसलों को शुष्क मौसम के दौरान भी जीवित रखने में सहायता करती है।

 

काली मृदा के रासायनिक गुण

  • काली मृदा चूना, लोहा, मैग्नीशियम एवं एल्युमीनियम से समृद्ध होती है।
  • इनमें पोटाश भी पाया जाता है। किंतु उनमें फास्फोरस, नाइट्रोजन तथा कार्बनिक पदार्थों की कमी होती है।
  • मृदा का रंग गहरे काले से लेकर धूसर तक होता है।

 

भारत में काली मृदा की उपस्थिति

  • काली मृदा अधिकांश दक्कन पठार को आच्छादित करती है जिसमें महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, आंध्र प्रदेश एवं तमिलनाडु के कुछ हिस्से सम्मिलित हैं।
  • गोदावरी एवं कृष्णा की ऊपरी विस्तार एवं दक्कन के पठार के उत्तर पश्चिमी भाग में, काली मृदा बहुत गहरी है।

 

काली मृदा में उगाई जाने वाली फसलें

  • कपास की फसल के लिए काली मृदा सर्वाधिक उपयुक्त होती है। इसीलिए इसका नाम काली कपास मृदा पड़ा है।
  • अन्य प्रमुख फसलें: गेहूं, ज्वार, अलसी, तंबाकू, अरंडी, सूरजमुखी एवं बाजरा।
  • जहां सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होती है वहां चावल तथा गन्ना उत्पादित किया जाता है।
  • काली मृदा सब्जियों एवं फलों की विस्तृत किस्मों के विकास में भी सहायक होती है।
  • इस मृदा का उपयोग शताब्दियों से बिना उर्वरक एवं खाद डाले विभिन्न प्रकार की फसलों के उत्पादन के लिए किया जाता रहा है।
सीएसआईआर-एनजीआरआई में भारत के प्रथम ओपन रॉक म्यूजियम का उद्घाटन विज्ञान की संस्कृति के प्रोत्साहन हेतु योजना (एसपीओसीएस) केंद्रीय बजट 2022-23: सार्वजनिक निवेश प्रेरित विकास पर एक साहसिक प्रयास एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी)
कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी: कॉरपोरेट इंडिया के लिए नया सीएसआर अधिदेश इसरो का पीएसएलवी-सी52/ईओएस-04 मिशन संपादकीय विश्लेषण: भारत के भू-स्थानिक क्षेत्र की क्षमता पर ज़ूमिंग कृषि उत्पाद विपणन समितियाँ (एपीएमसी): इतिहास, लाभ, चुनौतियां, मॉडल एपीएमसी अधिनियम
स्माइल योजना | विपरीतलिंगी तथा भि़क्षुक समुदाय के लिए एक योजना संपादकीय विश्लेषण- इंडियाज सेमीकंडक्टर ड्रीम पंडित दीनदयाल उपाध्याय मिश्रित वित्त के माध्यम से भारत में स्वास्थ्य सेवा की पुनर्कल्पना

 

manish

Recent Posts

UPSC EPFO PA Question Paper 2024, Download PDF

The Union Public Service Commission (UPSC) has released the EPFO Exam Date 2024 on its…

1 hour ago

UPSC EPFO PA Exam Date 2024 Out, Check Exam Schedule

The UPSC EPFO Personal Assistant Exam date 2024 has been released by the Union Public…

2 hours ago

UPSC Mains Exam Date 2024 Out, Check UPSC CSE Exam

The highly reputed exam of India "UPSC" is conducted  every year to recruit for the…

3 hours ago

UKPSC Admit Card 2024 Out, Get Link to Download PDF

The UKPSC Admit Card 2024 has been declared by Uttarakhand Public Service Commission (UKPSC) on the official…

3 hours ago

UPPSC Prelims Exam Date 2024 Out at uppsc.up.nic.in for 220 Posts

The Uttar Pradesh Public Service Commission has issued a notice regarding the release of UPPSC…

4 hours ago

MPSC Exam Pattern 2024 for Prelims and Mains Exam

The Maharashtra Public Service Commission has released the MPSC Exam Pattern 2024 on the official…

4 hours ago