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उड़ान योजना: 3 वर्ष पूर्ण होने पर 4 में से मात्र 1 ही शेष है

उड़ान योजना: प्रासंगिकता

  • जीएस 2: विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

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उड़ान योजना: संदर्भ

  • हाल ही में, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने संसदीय पैनल को सूचित किया है कि उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना के अंतर्गत चार में से मात्र एक मार्ग सरकार की तीन वर्ष की सब्सिडी अवधि पूर्ण करने के पश्चात शेष बच गया है।

 

3 वर्ष पूर्ण होने पर 4 में से मात्र 1 ही शेष है: मुख्य बिंदु

  • नवंबर 2021 तक 3 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करने वाले 94 आरसीएस ( रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम/क्षेत्रीय अनुयोजकता योजना) -उड़ान मार्गों में से मात्र 22 मार्ग ही परिचालन में हैं
  • उड़ान योजना का उद्देश्य उड़ान को आम जनता तक ले जाना तथा टियर-2 एवं टियर-3 शहरों के लिए हवाई संपर्क में सुधार करना है।
  • इस योजना के अंतर्गत,  विमानन कंपनियों (एयरलाइनों) को हवाई जहाज में 50% सीटों हेतु उड़ान के लिए प्रति घंटे 2,500 रुपये प्रति सीट किराए की सीमा निर्धारित करनी होती है, जिसके लिए उन्हें सरकार से कुछ अन्य लाभों के साथ-साथ व्यवहार्यता अंतर निधि ( वायबिलिटी गैप फंडिंग/सब्सिडी) प्राप्त होती है।
  • सरकार को उम्मीद थी कि तीन वर्ष की सब्सिडी अवधि समाप्त होने के पश्चात, विमानन कंपनियां बाह्य समर्थन के बिना मार्गों को बनाए रखने में सक्षम होंगी

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3 वर्ष पूर्ण होने पर 4 में से मात्र 1 ही शेष है: कारण

  • मांगो का भार: कोविड-19 महामारी की स्थिति के कारण अपर्याप्त मांग के कारण 300 मार्ग दुष्प्रभावित हुए हैं।
  • कठिन व्यवसाय: निम्न लाभ एवं उच्च परिचालन लागत के कारण एयरलाइन एक दुष्कर व्यवसाय है, जो प्रायः विमानन व्यवसाय को असमर्थनीय बना देता है।
  • दिल्ली तथा मुंबई जैसे भीड़भाड़ वाले हवाई अड्डों पर समय निर्धारण (स्लॉट) की कमी।
  • छोटे विमानों की अनुपलब्धता एवं रखरखाव के मुद्दे जिनके लिए विदेशों से कलपुर्जे (स्पेयर पार्ट्स) की खरीद की आवश्यकता होती है।
  • हवाई अड्डे के निर्माण कार्य के पूर्ण होने में विलंब: धन के अभाव एवं भूमि की अनुपलब्धता के कारण हवाई अड्डे के विकास कार्य को पूर्ण करने में विलंब।

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 उड़ान योजना: प्रमुख बिंदु

 उड़ान के बारे में

  • उड़ान योजना पूर्ण रूप: उड़े देश का आम नागरिक एक क्षेत्रीय अनुयोजकता योजना ( रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम/आरसीएस) है जो वहनीयता, कनेक्टिविटी, वृद्धि एवं विकास सुनिश्चित करती है।
  • यह समस्त हितधारकों के लिए लाभ की स्थिति प्रदान करता है – नागरिकों को वहनीयता, कनेक्टिविटी एवं अधिक संख्या में नौकरियों का लाभ प्राप्त होगा।
  • यह योजना 2016 में आरंभ की गई थी तथा यह 10 वर्षों की अवधि के लिए संचालन में रहेगी।

 

उड़ान योजना के लाभ

  • केंद्र सरकार आरसीएस (उड़ान) हवाई अड्डों पर कम उत्पाद शुल्क, सेवा कर एवं कोड साझाकरण (दो विमानन कंपनियों के मध्य एक अनुबंध) के लचीलेपन के रूप में रियायतें प्रदान करेगी।
  • राज्य सरकारों को एयर टरबाइन फ्यूल (एटीएफ) पर जीएसटी घटाकर 1% या उससे कम करना होगा, इसके अतिरिक्त सुरक्षा एवं अग्निशमन सेवाएं निशुल्क तथा विद्युत, जल एवं अन्य उपादेयताओं को अत्यंत रियायती दरों पर उपलब्ध कराना होगा।
  • योजना के अंतर्गत व्यवहार्यता अंतर निधि आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक क्षेत्रीय संपर्क कोष निर्मित किया जाएगा। प्रति प्रस्थान आरसीएफ उद्ग्रहण (लेवी) कुछ घरेलू उड़ानों पर लागू होगी।
  • भागीदार राज्य सरकारें (पूर्वोत्तर राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के अतिरिक्त जहां योगदान 10% होगा) इस कोष में 20% का योगदान देगी

 

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