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संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन 2022- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन: संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन 2022 विश्व के महासागर पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण एवं उसे अनुरक्षित रखने हेतु वैश्विक सहयोग सुनिश्चित करने के लिए आयोजित किया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन 2022 यूपीएससी मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन के पेपर 2 (अंतर्राष्ट्रीय संबंध- महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, अभिकरण एवं मंच- उनकी संरचना, अधिदेश) तथा सामान्य अध्ययन पेपर 3 (पर्यावरण- संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण एवं क्षरण) के अंतर्गत आएगा।
समाचारों में संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन 2022
- संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन 2022 संपूर्ण विश्व के 130 से अधिक देशों की भागीदारी के साथ पांच दिनों के लिए आयोजित किया जा रहा है।
- केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन (UN Ocean Conference) में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।
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संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन 2022
- संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन के बारे में: संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन सामूहिक प्रयासों को वर्धित करने एवं विज्ञान आधारित समाधान खोजने का एक अनूठा अवसर है, जो अब महासागर के समक्ष उपस्थित होने वाली चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने के निमित्त है।
- मेजबान देश: पुर्तगाल एवं केन्या द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन 2022 की सह-मेजबानी की जा रही है।
- आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र के अवर महासचिव लिऊ जेनमिन, संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन 2022 के महासचिव के रूप में कार्य करेंगे।
- भागीदारी: सरकार तथा राष्ट्राध्यक्षों के साथ निजी क्षेत्र के नेतृत्वकर्ता, वैज्ञानिक समुदाय एवं अन्य भागीदार संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन में एकत्रित होंगे।
- उनसे एक नया मार्ग प्रशस्त करने की अपेक्षा की जाती है जो महासागरों एवं उसके संसाधनों की सुरक्षा तथा संरक्षण सुनिश्चित करेगा।
- महत्व: एसडीजी 14 की उपलब्धि की दिशा में कार्रवाई जुटाने के लिए, महासागर सम्मेलन वैश्विक महासागर कार्रवाई का एक नया अध्याय शुरू करने के उद्देश्य से बहुत आवश्यक विज्ञान-आधारित अभिनव समाधानों को आगे बढ़ाने की कोशिश करेगा।
- अधिदेश: संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन का उद्देश्य विश्व के महासागरों, समुद्रों एवं समुद्री संसाधनों की सुरक्षा पर एक अंतरराष्ट्रीय समझौता करना है।
- इसका उद्देश्य एसडीजी 14 (महासागरों में जीवन): सर्वेक्षण (स्टॉकटेकिंग), साझेदारी तथा समाधान के कार्यान्वयन हेतु विज्ञान एवं नवाचार पर आधारित महासागरीय कार्रवाई को बढ़ाना है।
- महत्व: एसडीजी 14 की उपलब्धि की दिशा में कार्रवाई का अभिनियोजन करने हेतु, महासागर सम्मेलन वैश्विक महासागर कार्रवाई का एक नया अध्याय प्रारंभ करने के उद्देश्य से अत्यंत आवश्यक विज्ञान-आधारित अभिनव समाधानों को आगे प्रेरित करने का प्रयत्न करेगा।
- सतत महासागर पारिस्थितिकी: धारणीय रूप से प्रबंधित महासागर के समाधान में हरित प्रौद्योगिकी एवं समुद्री संसाधनों के नवीन उपयोग सम्मिलित हैं। उनमें ये भी सम्मिलित हैं-
- स्वास्थ्य, पारिस्थितिकी, अर्थव्यवस्था के लिए खतरों को हल करना एवं
- महासागर का शासन – अम्लीकरण, समुद्री अपशिष्ट तथा प्रदूषण, अवैध, गैर-सूचित एवं अनियमित मत्स्यन (मछली पकड़ना) तथा पर्यावास एवं जैव विविधता की हानि।
सतत महासागर पारिस्थितिकी तंत्र सुनिश्चित करने की दिशा में भारत की कार्रवाई
- भारत ने समुद्री एवं तटीय पारिस्थितिक तंत्र, मैंग्रोव तथा प्रवाल भित्तियों की रक्षा हेतु अनेक पहल, कार्यक्रम एवं नीतिगत हस्तक्षेप किए हैं।
- भारत पूर्व में ही हरित प्रौद्योगिकी में एक बड़ी बढ़त ले चुका है। भारत का 2030 का लक्ष्य देश की सामूहिक ऊर्जा में 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा जनित्र (जनरेटर) जोड़कर भारत के उत्सर्जन को 45 प्रतिशत तक कम करना है।
- इसके परिणामस्वरूप भारत के कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में लगभग एक बिलियन टन की कमी आएगी।
- भारत ने हाल ही में तटीय क्षेत्रों से प्लास्टिक एवं अन्य अपशिष्ट को साफ करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान चलाया एवं यह मिशन शीघ्र ही एक जन आंदोलन बन जाएगा।
सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) 14- महासागरों में जीवन
- एसडीजी के बारे में: सतत विकास लक्ष्य (सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स/एसडीजी) को 2015 में सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा के एक अभिन्न पहलू के रूप में अपनाया गया था।
- एसडीजी एक सतत विकास एवं धारणीय भविष्य सुनिश्चित करने की दिशा में 17 परिवर्तनकारी लक्ष्यों का एक समुच्चय है।
- एसडीजी 14: सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) 14- जल के नीचे जीवन, विश्व के महासागरों, समुद्रों एवं समुद्री संसाधनों के संरक्षण तथा सतत उपयोग की आवश्यकता पर बल देता है।
- प्रमुख उद्देश्य: लक्ष्य 14 की प्रगति विशिष्ट लक्ष्यों द्वारा निर्देशित होती है जो समुद्र के मुद्दों की एक श्रृंखला पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जिनमें सम्मिलित हैं-
- समुद्री प्रदूषण को कम करना,
- समुद्री तथा तटीय पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा करना,
- अम्लीकरण को कम करना,
- अवैध एवं अति- मत्स्यन को समाप्त करना,
- वैज्ञानिक ज्ञान एवं समुद्री प्रौद्योगिकी में निवेश में वृद्धि करना तथा
- अंतर्राष्ट्रीय विधि का सम्मान करना जो महासागर एवं उसके संसाधनों के सुरक्षित तथा धारणीय उपयोग की मांग करता है।