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रूस-यूक्रेन युद्ध पर यूएनजीए की बैठक- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- भारत के हितों पर विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव।
रूस-यूक्रेन युद्ध पर यूएनजीए की बैठक- संदर्भ
- रूस-यूक्रेन युद्ध पर संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली/यूएनजीए) की बैठक हाल ही में आयोजित की गई है जिसमें संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने हिंसा को तत्काल बंद करने एवं यूक्रेनी क्षेत्र से रूस की सेना को वापस बुलाने का आह्वान किया।
- उन्होंने कहा कि हम यूक्रेन के लिए एक त्रासदी का सामना कर रहे हैं, किंतु हम सभी के लिए संभावित विनाशकारी प्रभावों के साथ एक बड़ा क्षेत्रीय संकट भी है।
- यूक्रेन पर प्रस्ताव, जिसे यूएनजीए के ग्यारहवें आपातकालीन विशेष सत्र में सुना जा रहा है, को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा अधिदेशित किया गया था।
- इससे पूर्व, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव 8979 में रूस की आलोचना करने के लिए अमेरिका के नेतृत्व वाले प्रयास को रूसी प्रतिनिधि ने वीटो कर दिया था।
यूक्रेन रूस युद्ध पर यूएनजीए की बैठक का महत्व
- भारत सहित 100 से अधिक सूचीबद्ध वक्ताओं द्वारा अपने वक्तव्य प्रकट करने के पश्चात, यूएनजीए के प्रस्ताव पर मंगलवार को किसी समय मतदान होने की संभावना है।
- यदि प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो संयुक्त राष्ट्र महासभा-
- यूक्रेन पर रूसी “आक्रामकता” “सर्वाधिक कठोरतम शब्दों में निंदा करेगी”,
- सैनिकों की पूर्ण वापसी की मांग करेगी, तथा
- डोनेट्स्क एवं लुहान्स्क के परिक्षेत्रों को मान्यता देने के रूसी निर्णय को प्रतिलोमित करेगी।
- UNGA वार्ता पर तत्काल वापसी एवं सभी पक्षों के लिए मानवीय सहायता के लिए सभी नागरिकों हेतु “द्रुत, सुरक्षित एवं निर्बाध” पहुंच की अनुमति तथा सुविधा प्रदान करने की मांग करता है।
रूस-यूक्रेन युद्ध पर विभिन्न देशों का रुख
- रूस: उसने अपनी मांग पूरी नहीं होने पर परमाणु हथियार का इस्तेमाल करने की धमकी दी। रूस ने रूसी परमाणु हथियारों को और अधिक अलर्ट पर रखने का भी निर्णय लिया है।
- बेलारूस: बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको ने वर्तमान रूस यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में अपने देश की गैर-परमाणु स्थिति को प्रतिलोमित करने का निर्णय लिया है।
- यूक्रेन: संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के राजदूत ने रूस की कार्रवाइयों एवं परमाणु अस्त्रों के प्रयोग की घोषणा को “पागलपन” कहा तथा चेतावनी दी कि ” यदि यूक्रेन का अस्तित्व नहीं रहा, तो संयुक्त राष्ट्र नहीं बचेगा”।
- रूस: संयुक्त राष्ट्र संघ में रूसी राजदूत ने आरोप लगाया कि यह यूक्रेन था न कि रूस ने “यह शत्रुता” आरंभ की थी।
- उन्होंने दावा किया कि यूक्रेनी सरकार ने “संकट की जड़ें” रोपित की थीं एवं 2015 के मिन्स्क समझौते को लागू नहीं किया था।
- इससे पूर्व रूस ने मांग पूरी नहीं होने पर परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने की धमकी दी थी। रूस ने रूसी परमाणु हथियारों को और अधिक अलर्ट पर रखने का भी फैसला किया।
- भारत: भारत से व्यापक रूप से यूएनजीए में प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहने की अपेक्षा की जाती है, जो यूएनएससी 8979 का काफी कठिन एवं लंबा संस्करण है।
- यद्यपि, नागरिकों एवं शरणार्थियों के लिए मानवीय पहुंच सुनिश्चित करने पर यूएनएससी में चर्चा के कारण भारत एक अन्य प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए प्रवृत्त हो सकता है।