UPSC CSE Mains 2021 Preparation Strategy- Detailed Syllabus and approach to Maximize marks in UPSC Mains GS Paper 1
यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2021 हाल ही में संपन्न हुई थी। यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2021 का पेपर स्पेक्ट्रम के कठिन पक्ष पर था एवं इसने अनेक उम्मीदवारों को निराश कर दिया। Adda247 सहित अनेक प्रतिष्ठित संस्थानों ने प्रारंभिक परीक्षा 2021 की कट-ऑफ (अपेक्षित) जारी कर दी है। प्रारंभिक परीक्षा 2021 का अपना स्कोर देखने के लिए, यहां क्लिक करें।
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) प्रत्येक वर्ष तीन चरणों- प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार में सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है। यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों को यूपीएससी मुख्य परीक्षा लिखने हेतु आमंत्रित करता है एवं मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों को साक्षात्कार में उपस्थित होने कहा जाता है। यूपीएससी मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार में उपस्थित उम्मीदवारों के अंकों के आधार पर चयनित उम्मीदवारों की एक सूची तैयार करता है।
यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2021 परीक्षा 7 जनवरी 2021 से आयोजित होने वाली है। यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा की तैयारी हेतु उपलब्ध सीमित समय को देखते हुए, उम्मीदवारों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे अपनी यूपीएससी मुख्य परीक्षा की तैयारी की रणनीति की योजना इसी अनुरूप बनाएं।
प्रश्न पत्र का शीर्षक | आवंटित अंक |
निबंध | 250 अंक |
सामान्य अध्ययन-I (भारतीय विरासत एवं संस्कृति, इतिहास, तथा विश्व का भूगोल एवं समाज) | 250 अंक |
सामान्य अध्ययन-II (शासन, संविधान, राजव्यवस्था, सामाजिक न्याय एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध) | 250 मार्क्स |
सामान्य अध्ययन-III (प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव-विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन) | 250 अंक |
सामान्य अध्ययन-IV (नैतिकता, सत्यनिष्ठा एवं अभियोग्यता) | 250 अंक |
वैकल्पिक विषय- पेपर 1 | 250 अंक |
वैकल्पिक विषय- पेपर 2 | 250 अंक |
लिखित परीक्षा में उप योग | 1750 अंक |
वैयक्तिक साक्षात्कार | 275 अंक |
कुल | 2025 अंक |
जीएस पेपर 1:
संपूर्ण विश्व में प्रमुख प्राकृतिक संसाधनों का वितरण (दक्षिण एशिया एवं भारतीय उपमहाद्वीप सहित); विश्व के विभिन्न हिस्सों (भारत सहित) में प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक क्षेत्र के उद्योगों की अवस्थिति हेतु उत्तरदायी कारक;
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यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा जीएस पेपर 1 में पाठ्यक्रम के अनेक स्थैतिक भाग होते हैं जो इतिहास (संस्कृति, भारतीय एवं विश्व इतिहास), भारतीय समाज एवं भूगोल हैं। हम यहां आगामी यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2021 में जीएस पेपर 1 में अधिकतम अंक प्राप्त करने की रणनीतियों पर चर्चा करेंगे।
संस्कृति: यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के लिए आपने जो पढ़ा है उसे अधिक विस्तृत एवं विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के साथ पुनर्भ्यास करें। इस खंड से मुश्किल से एक या दो प्रश्न पूछे जाते हैं, इसलिए इस पर अत्यधिक समय व्यतीत करने से लागत-लाभ अनुपात अच्छा नहीं होता है।
आधुनिक भारतीय इतिहास: स्वतंत्रता संग्राम की घटनाओं एवं 1947 में हमें स्वतंत्रता प्राप्त होने के पश्चात की घटनाओं पर अधिक ध्यान दें। यहां भी, आपको इसमें बहुत गहराई तक नहीं जाना चाहिए, क्योंकि प्रारंभिक परीक्षा की समाप्ति के पश्चात आपके पास कम समय शेष है। अतः, विगत वर्ष के प्रश्नों को हल करें एवं उत्तर लेखन तथा अपने उत्तरों को बेहतर तरीके से तैयार करने पर ध्यान दें। अपने उत्तरों में अधिक आयामों को शामिल करने का प्रयास करें जो परीक्षक को विषय के बारे में आपकी समझ का प्रदर्शन करते हैं।
समाज भारतीय समाज के विभिन्न पहलुओं, एक वैश्वीकृत दुनिया में इसकी अंतः क्रिया एवं विकास इत्यादि को सम्मिलित करता है। यहां, आपको स्थैतिक भाग के साथ-साथ समसामयिकी को व्यापक रूप से कवर करना चाहिए। आपको समाज में कमजोर वर्ग के लिए विभिन्न मुद्दों, चुनौतियों एवं अवसरों के बारे में अध्ययन करना चाहिए। आपको विभिन्न विषयों पर संदर्भ के लिए मात्र एक पुस्तक का संदर्भ लेना चाहिए एवं इसे विभिन्न समसामयिक घटनाओं से जोड़ने का प्रयास करना चाहिए। मुख्य परीक्षा में आपके उत्तर स्थैतिक भागों एवं संबंधित समसामयिक घटनाओं दोनों को परिलक्षित करने चाहिए। यह परीक्षक को संबंधित मुद्दे के बारे में आपकी समझ को दर्शाता है।
समाज की भांति, भूगोल से यूपीएससी मुख्य परीक्षा के प्रश्न प्रायः समसामयिक घटनाओं से संबंधित होते हैं, जैसे, यदि हाल के दिनों में एक चक्रवात/तूफान की घटना होने पर तूफान/चक्रवात से संबंधित एक प्रश्न हो सकता है। यहां भी, आपको अवधारणा की अच्छी समझ होनी चाहिए एवं फिर इसे समसामयिक घटनाक्रम से जोड़ना चाहिए।
सिविल सेवक बनने के अपने सपने को साकार करने के लिए दिन-रात पसीना बहाने वाले सभी सिविल सेवा उम्मीदवारों को शुभकामनाएं।
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