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यूपीएससी प्रीलिम्स बिट्स: 18 अक्टूबर, 2022

सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CCMB)

 

सीसीएमबी: चर्चा में क्यों है?

  • हैदराबाद स्थित सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CCMB) 54 लाख व्यक्तियों को  सम्मिलित करते हुए  विश्व के सर्वाधिक वृहद एवं सर्वाधिक विविध जीनोमिक अध्ययन का हिस्सा बन गया है।
  • इसने मानव जीनोम में 12 हजार 222 स्थानों की पहचान की जो मानव की लंबाई से जुड़े हैं।

सीसीएमबी: शोध में क्या पाया गया?

  • हाल ही में नेचर साइंस जर्नल में ‘ए सैचुरेटेड मैप ऑफ कॉमन जेनेटिक वैरिएंट्स विद ह्यूमन हाइट’ नाम से अध्ययन प्रकाशित हुआ था।
  • उन्होंने विश्व के विभिन्न हिस्सों से लिए गए 53 से अधिक व्यक्तियों के मौजूदा आनुवंशिक डेटा का विश्लेषण किया।
  • जीनोमिक अध्ययन के दौरान, शोधकर्ताओं ने मानव जीनोम में 1,200 से अधिक स्थानों की पहचान की जो  वास्तव में मनुष्यों की लंबाई को निर्धारित करते हैं।
  • अध्ययन अन्य मानव लक्षणों एवं रोगों पर जीन के प्रभाव पर समान जांच का मार्ग प्रशस्त करता है।
  • पथ-प्रदर्शक अध्ययन के निष्कर्षों में संपूर्ण विश्व के शोधकर्ताओं को यह समझने में सहायता करने की क्षमता है कि मानव शरीर किस प्रकार वृद्धि करता है।
  • वे शोधकर्ताओं को हृदय की अनियमित धड़कन, अपस्फीत शिराओं, हाथों एवं पैरों में तंत्रिका क्षतितथा  अधिक लंबाई वाले व्यक्तियों में हड्डियों के संक्रमण  जैसे अनेक रोगों के बढ़ते जोखिम को समझने में सक्षम बनाते हैं।
  • निष्कर्ष पहले के अध्ययनों का भी समर्थन करते हैं, जिसमें पूर्वानुमान लगाया गया था कि लोगों में लंबाई की 40-50 प्रतिशत भिन्नता को सामान्य आनुवंशिक रूपों द्वारा समझाया जा सकता है।

 

12वां रक्षा प्रदर्शनी

 

12वां डेफएक्सपो: चर्चा में क्यों है?

द्विवार्षिक डेफएक्सपो का 12वां संस्करण आज अहमदाबाद एवं गांधीनगर, गुजरात में प्रारंभ होगा।

12वां डेफएक्सपो: थीम

  • 12वें डेफएक्सपो की थीम ‘पाथ टू प्राइड’ है जो भारतीय एयरोस्पेस एवं रक्षा विनिर्माण क्षेत्रों के साथ भारतीय ग्राहकों के साथ साथ वैश्विक ग्राहकों के लिए साझेदारी का समर्थन, प्रदर्शन तथा फोर्जिंग करके भारत को एक मजबूत एवं आत्मनिर्भर राष्ट्र में परिवर्तित करने हेतु प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

12वां डेफएक्सपो: डेफएक्सपो-2022 में प्रमुख गतिविधियां

  • DefExpo-2022 में, प्रतिभागियों को अपने उपकरणों एवं प्लेटफार्मों को प्रदर्शित करने का अवसर प्राप्त होगा तथा व्यापार साझेदारी निर्मित करने हेतु भारतीय रक्षा उद्योग के विस्तार की शक्ति एवं क्षमताओं का पता लगाने में सक्षम होंगे।
  • डेफएक्सपो के हिस्से के रूप में, सेना, नौसेना, वायु सेना, तटरक्षक बल एवं डीआरडीओ द्वारा लाइव प्रदर्शन, भूमि, नौसेना तथा वायु कार्रवाईयों तथा प्रणालियों का प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे।
  • इंडिया पवेलियन – रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा मंत्रालय का एक प्रमुख मंडप – स्वदेशी रक्षा उत्पादों की परिपक्वता, स्टार्ट-अप, रक्षा में  कृत्रिम प्रज्ञान (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) सहित नवीनतम तकनीक का प्रदर्शन करेगा एवं 2047 के लिए भारत के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करेगा। जिसका नाम ‘पाथ टू प्राइड’ रखा गया है।

 

राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर

 

राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर: चर्चा में क्यों है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर के स्थल कार्य प्रगति की समीक्षा करेंगे।

राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर के बारे में जानें

  • एनएमएचसी को एक विश्व स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है, जो देश में अपनी तरह का प्रथम स्थल है, जिसमें एक समुद्री संग्रहालय, लाइटहाउस संग्रहालय, समुद्री थीम पार्क, मनोरंजन पार्क केंद्र इत्यादि शामिल हैं।
  • यह भारत की समुद्री विरासत के बारे में जागरूकता का प्रसार करने हेतु नवीनतम तकनीक का उपयोग करके एक शैक्षिक खेल (एडुटेनमेंट) दृष्टिकोण अपनाकर प्राचीन से आधुनिक समय तक देश की समुद्री विरासत को प्रदर्शित करेगा।
  • विशिष्ट राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की कलाकृतियों/समुद्री विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एनएमएचसी में भारत के प्रत्येक तटीय राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश (यूनियन टेरिटरीज/यूटी) के लिए एक मंडप बनाने का प्रस्ताव है।

लोथल स्थल के बारे में जानिए

  • लोथल हड़प्पा सभ्यता के प्रमुख शहरों में से एक था तथा सर्वाधिक प्राचीन मानव निर्मित गोदी की खोज के लिए जाना जाता है।
  • लोथल में एक समुद्री विरासत परिसर शहर की ऐतिहासिक परंपरा एवं विरासत के लिए उपयुक्त श्रद्धांजलि है। परिसर, जिसका निर्माण इसी साल मार्च में प्रारंभ हुआ था, को करीब तीन हजार 500 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जा रहा है।
  • इसे न केवल भारत की समृद्ध एवं विविध समुद्री विरासत को प्रदर्शित करने तथा लोथल को विश्व स्तरीय अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में उभरने में सहायता करनी है अपनी तरह की एक विशिष्ट परियोजना के रूप में विकसित किया जा रहा है।

 

फकीर लालन शाह

 

फकीर लालन शाह : खबरों में क्यों?

17 अक्टूबर को बांग्लादेश में फकीर लालन शाह की 132 वीं पुण्यतिथि मनाई गई।

फकीर लालन शाह: कौन थे फकीर लालन शाह?

  • लालन शाह को बांग्लादेश एवं भारत की बाउल परंपरा का सर्वाधिक प्रमुख व्यक्ति माना जाता है। 1774 में आधुनिक बांग्लादेश के झेन दाह जिले के होरीशपुर में जन्मे, वह अपने समय के एक महान रहस्यवादी संत, दार्शनिक एवं समाज सुधारक के रूप में प्रतिष्ठित हैं।
  • उन्होंने हजारों गीतों की रचना की जिनका संकलन बाद में उनके शिष्यों द्वारा किया गया।
  • उनके गीत इस्लाम, वैष्णववाद, शाहजिया बौद्ध धर्म एवं जैन धर्म के तत्वों को मिलाकर मानवतावाद की भावना का उत्सव मनाते हैं।
  • उन्होंने रवींद्रनाथ टैगोर, काजी नजरूल इस्लाम एवं अमेरिकी कवि एलन गिन्सबर्ग जैसे लोगों को प्रेरित  तथा प्रभावित किया।
  • ऐसा माना जाता है कि उनकी मृत्यु 1890 में कार्तिक के बांग्ला माह के प्रथम दिन हुई थी।

 

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