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यूपीएससी प्रीलिम्स बिट्स: 31 अक्टूबर, 2022

Table of Contents

प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF)

प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) चर्चा में क्यों है

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मोरबी में दुर्घटना के पीड़ितों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (प्राइम मिनिस्टर नेशनल रिलीफ फंड/पीएमएनआरएफ) से अनुग्रह राशि की घोषणा की है।

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प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) की पृष्ठभूमि

  • प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) की स्थापना पाकिस्तान से विस्थापित लोगों की सहायता के लिए सार्वजनिक अंशदान के साथ की गई थी।
  • पीएमएनआरएफ की स्थापना जनवरी, 1948 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की अपील के अनुसरण में की गई थी।

 

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) के लाभार्थी

  • प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के संसाधनों का उपयोग अब मुख्य रूप से प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, चक्रवात एवं भूकंप इत्यादि में मारे गए लोगों के परिवारों तथा बड़ी दुर्घटनाओं एवं दंगों के पीड़ितों को तत्काल राहत प्रदान करने के लिए किया जाता है।
  • हृदय शल्य चिकित्सा, गुर्दा प्रत्यारोपण, कैंसर उपचार एवं एसिड अटैक इत्यादि जैसे चिकित्सा उपचार के खर्चों को आंशिक रूप से चुकाने के लिए पीएमएनआरएफ से भी सहायता प्रदान की जाती है।

 

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) की प्रमुख विशेषताएं

  • अंशदान: कोष में पूर्ण रूप से सार्वजनिक अंशदान होता है तथा इसे कोई बजटीय सहायता प्राप्त नहीं होती है।
    • निधि के कोष को विभिन्न रूपों में अधिसूचित वाणिज्यिक बैंकों एवं अन्य अभिकरणों साथ निवेश किया जाता है।
  • लाभार्थियों को संवितरण: प्रधानमंत्री के अनुमोदन से संवितरण किया जाता है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष का गठन संसद द्वारा नहीं किया गया है।
    • प्रधानमंत्री पीएमएनआरएफ के अध्यक्ष होते हैं एवं उन्हें मानद आधार पर अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा सहायता प्रदान की जाती है।
  • विधिक प्रावधान: कोष को आयकर अधिनियम के तहत एक न्यास (ट्रस्ट) के रूप में मान्यता प्राप्त है  तथा इसका प्रबंधन राष्ट्रीय कारणों से प्रधानमंत्री या अनेक प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है।
    • प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष प्रधानमंत्री कार्यालय, साउथ ब्लॉक, नई दिल्ली-110011 से संचालित होता है एवं कोई लाइसेंस शुल्क का भुगतान नहीं करता है।
    • पीएमएनआरएफ आयकर अधिनियम, 1961 के तहत धारा 10 एवं 139 के तहत अदायगी के उद्देश्य से छूट प्राप्त है।
    • PMNRF में अंशदान को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 (जी) के तहत कर योग्य आय से 100% कटौती के लिए अधिसूचित किया गया है।

 

सी-295 मालवाहक विमान निर्माण केंद्र – निजी क्षेत्र में देश का प्रथम

C-295 मालवाहक विमान निर्माण चर्चा में क्यों है

हाल ही में, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के वडोदरा में सी-295  मालवाहक विमान निर्माण केंद्र – निजी क्षेत्र में देश के प्रथम केंद्र – की आधारशिला रखी।

 

सी-295 मालवाहक विमान निर्माण केंद्र

  • यह केंद्र टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड एवं एयरबस डिफेंस एंड स्पेस एसए, स्पेन के सहयोग से भारतीय वायुसेना (इंडियन एयरफोर्स/आईएएफ) के लिए सी-295 विमान का निर्माण करेगी।
  • यह अपनी तरह की पहली परियोजना है जिसमें एक निजी कंपनी द्वारा भारत में एक सैन्य विमान का निर्माण किया जाएगा।
  • सी-295 विमान निर्माण केंद्र परियोजना की कुल लागत 21,935 करोड़ रुपये है। विमान का उपयोग नागरिक उद्देश्यों के लिए भी किया जा सकता है।

 

सी-295  मालवाहक विमान की डिलीवरी के लिए समय सीमा

  • सोलह (16) विमान उड़ान हेतु तैयार स्थिति में (फ्लाईअवे कंडीशन) में आपूर्ति किए जाएंगे। वे सितंबर 2023 एवं अगस्त 2025 के मध्य प्राप्त होने वाले हैं।
  • शेष चालीस (40) विमानों का का निर्माण वडोदरा विनिर्माण केंद्र में किया जाएगा। प्रथम मेड इन इंडिया विमान सितंबर 2026 से अपेक्षित है।

 

C-295 मालवाहक विमान क्या है?

  • सी-295 समकालीन प्रौद्योगिकी के साथ 5-10 टन क्षमता का एक मालवाहक अथवा परिवहन विमान है जो भारतीय वायुसेना के पुराने एवरो विमान का स्थान लेगा।
  • मजबूत तथा विश्वसनीय, यह एक बहुमुखी एवं कुशल सामरिक परिवहन विमान है जो कई अलग-अलग मिशनों को पूरा कर सकता है।
  • विमान, 11 घंटे तक की उड़ान सह्यता के साथ, सभी मौसमों में बहु-भूमिका संचालन कर सकता है।
  • यह नियमित रूप से दिन के साथ-साथ रात्रि के युद्ध अभियानों को मरुस्थल से लेकर समुद्री वातावरण तक   में संचालित कर सकता है।
  • इसमें त्वरित प्रतिक्रिया एवं सैनिकों तथा कार्गो के पैरा ड्रॉपिंग के लिए एक रियर रैंप द्वार है। अर्ध- निर्मित सतहों से लघु उड़ान (शॉर्ट टेक-ऑफ) / लैंड इसकी एक अन्य विशेषता है।

 

राष्ट्रीय एकता दिवस

 राष्ट्रीय एकता दिवस चर्चा में क्यों है

  • केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास तथा उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान दिल्ली विश्वविद्यालय से राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर यूनिटी रन का नेतृत्व करेंगे।
  • दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह के साथ कुलसचिव, प्राचार्य, शिक्षक, वरिष्ठ अधिकारी, प्रशासनिक कर्मचारी एवं सीबीएसई के विद्यालयों, केंद्रीय विद्यालय तथा विश्वविद्यालय के छात्र भी यूनिटी रन में भाग लेंगे।

 

राष्ट्रीय एकता दिवस

  • भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 147 वीं जयंती के उपलक्ष्य में भारत सरकार 31 अक्टूबर 2022 को राष्ट्रीय एकता दिवस / राष्ट्रीय एकता दिवस मनाएगी
  • यह समारोह वाइसरीगल लॉज से सटे गांधीजी की प्रतिमा के समीप राष्ट्रीय एकता दिवस शपथ ग्रहण समारोह एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्री के एक संबोधन का भी साक्षी बनेगा।
  • सरदार वल्लभभाई पटेल के जीवन पर विशेष प्रदर्शनी जवाहर पार्क, वाइसरीगल लॉज में यहां के सर्वाधिक सम्मानित सपूतों में से एक को श्रद्धांजलि अर्पित करने तथा उनके जीवन से सीखने के लिए प्रदर्शित की जाएगी।

 

एक विशिष्ट दीपावली – स्कूली बच्चों के नेतृत्व में स्वच्छता के लिए व्यापक अभियान

एक विशिष्ट दीपावली चर्चा में क्यों है

  • संपूर्ण भारत के लगभग 45,000 विद्यालयों के 75 लाख से अधिक छात्रों ने स्रोत पर गीले एवं सूखे कचरे को अलग करने पर बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान में भाग लिया।

 

एक विशिष्ट दीपावली अभियान 

  • दीपावली के समय के आसपास सुनाई देने वाले पटाखों के सामान्य शोर के स्थान पर सड़कों एवं सामुदायिक गलियों में ‘हमे गर्व है’ गीत तथा हरा- गीला, सूखा-नीला के मंत्रों से बदल दिया गया था क्योंकि मोबाइल वैन एवं गाड़ियां अलग-अलग कचरे को इकट्ठा करने के लिए घर-घर जाती थीं।
  • कचरा मुक्त शहरों के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय (मिनिस्ट्री आफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स/MoHUA) द्वारा दिवाली विद अ डिफरेंस अभियान का आयोजन किया जा रहा है।
  • इसके अतिरिक्त, नागरिकों, सामुदायिक समूहों एवं संगठनों ने अपने शहर के शहरी स्थानीय निकायों, नगर निगमों के नेतृत्व में इस अभियान में उत्साहपूर्वक भाग लिया।
  • अभियान के आह्वान के रूप में स्वच्छता के दो रंग (टू कलर ऑफ क्लीनलीनेस) शीर्षक वाला अभियान, हर गीला सूखा नीला (गीले कचरे के लिए हरा कूड़ेदान तथा सूखे कचरे के लिए नीला कूड़ेदान) के साथ अभियान के आह्वान के रूप में, स्रोत पर न्यूनतम दो- कूड़ेदान पृथक्करण पर बल दिया गया।

 

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