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वंशधारा नदी जल विवाद- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: संघवाद– संघ एवं राज्यों के कार्य एवं उत्तरदायित्व; संघीय ढांचे से संबंधित मुद्दे एवं चुनौतियाँ।
वंशधारा नदी जल विवाद- संदर्भ
- आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने समकक्ष ओडिशा के मुख्यमंत्री के साथ बैठक करने वाले हैं। इससे पड़ोसी राज्यों को चिंतित करने वाले दो जटिल मुद्दों का स्थायी समाधान खोजने की संभावना जगी है-
- श्रीकाकुलम जिले में वंशधारा चरण- II परियोजना एवं
- विजयनगरम जिले के कोटिया गांव के अधिकार क्षेत्र को लेकर विवाद।
वंशधारा नदी जल विवाद- अब तक की कहानी
- आंध्र प्रदेश की मांगें: यह वंशधारा नदी पर नेराडी पुल निर्मित करना चाहता है। किंतु यह ओडिशा की सहमति के बाद ही संभव हो पाएगा।
- ओडिशा की चिंताएं:
- सिंचाई हेतु प्रवाह नहर (कटरागड्डा, आंध्र प्रदेश में) वंशधारा नदी से निकल रही है, जिसके परिणामस्वरूप वर्तमान नदी तल सूख जाएगा एवं परिणामस्वरूप नदी का स्थानांतरण भौम जलस्तर को प्रभावित करेगा।
- इसने आंध्र प्रदेश के कटरागड्डा एवं गोट्टा बैराज में वंशधारा में उपलब्ध जल के वैज्ञानिक मूल्यांकन एवं उपलब्ध जल के बंटवारे के आधार का मुद्दा भी उठाया।
- नदी जल विवाद न्यायाधिकरण का निर्णय: न्यायाधिकरण ने हाल ही में आंध्र प्रदेश को वंशधारा नदी पर नेराडी बैराज के निर्माण के लिए आगे बढ़ने की अनुमति प्रदान की थी।
कृष्णा नदी जल विवाद: पृष्ठभूमि, वर्तमान मुद्दे, संवैधानिक प्रावधान और सुझावात्मक उपाय
वंशधारा नदी जल विवाद- वर्तमान मुद्दा
- यद्यपि वंशधारा जल विवाद न्यायाधिकरण ने परियोजना के द्वितीय चरण पर आंध्र प्रदेश के पक्ष में आदेश पारित किया है, नेराडी बैराज के निर्माण के लिए ओडिशा के अधिकार क्षेत्र में भूमि का अधिग्रहण किया जाना अभी शेष है।
- बैराज के निर्माण के लिए लगभग 106 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाना है, जिसकी आधारशिला 1962 में रखी गई थी।
- आंध्र प्रदेश सरकार रायगढ़ एवं गजपति जिलों में जलमग्न भूमि एवं विस्थापित लोगों के पुनर्वास के लिए मुआवजे का भुगतान करने के लिए तैयार है।
वंशधारा नदी- प्रमुख बिंदु
- वंशधारा नदी के बारे में: वंशधारा नदी पूर्व की ओर प्रवाहित होने वाली एक नदी है एवं बंगाल की खाड़ी में मिलने से पूर्व ओडिशा एवं आंध्र प्रदेश से होकर प्रवाहित होती है।
- उद्गम स्थल: वंशधारा नदी का उद्गम ओडिशा के कालाहांडी जिले में होता है।
- नदी का प्रवाह मार्ग: यह ओडिशा में उद्गमित होती है एवं तत्पश्चात आंध्र प्रदेश के साथ इसकी सीमा के साथ प्रवाहित होती है एवं अंत में कलिंगपटनम, आंध्र प्रदेश में बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।
- नदी द्रोणी का कुल जलग्रहण क्षेत्र लगभग 10,830 वर्ग किलोमीटर है।