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एससीओ पर्यटन एवं सांस्कृतिक राजधानी- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह तथा भारत से जुड़े एवं/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।
एससीओ पर्यटन एवं सांस्कृतिक राजधानी चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, 16 सितंबर, 2022 को समरकंद, उज़्बेकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन/एससीओ) के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की 22वीं बैठक में 2022-2023 की अवधि के दौरान वाराणसी को प्रथम एससीओ पर्यटन एवं सांस्कृतिक राजधानी के रूप में नामित किया गया है।
- प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन 2022 में भाग लिया था।
वाराणसी प्रथम एससीओ पर्यटन एवं सांस्कृतिक राजधानी के रूप में
- पृष्ठभूमि: एससीओ पर्यटन एवं सांस्कृतिक राजधानी के नामित किए जाने के विनियमों को 2021 में दुशांबे एससीओ शिखर सम्मेलन में अंगीकृत किया गया था।
- उद्देश्य: एससीओ पर्यटन एवं सांस्कृतिक राजधानी को संस्कृति तथा पर्यटन के क्षेत्र में एससीओ सदस्य राज्यों के मध्य सहयोग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से अंगीकृत किया गया है।
- महत्व: प्रथम एससीओ पर्यटन एवं सांस्कृतिक राजधानी के रूप में वाराणसी का नामांकन भारत एवं एससीओ सदस्य देशों के बीच पर्यटन, सांस्कृतिक और मानवीय आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करेगा।
- यह एससीओ के सदस्य राज्यों, विशेष रूप से मध्य एशियाई गणराज्यों के साथ भारत के प्राचीन सभ्यतागत संबंधों को भी रेखांकित करता है।
- प्रमुख कार्यक्रमों की योजना: एससीओ पर्यटन एवं सांस्कृतिक राजधानी पहुंच कार्यक्रम की संरचना के अंतर्गत, 2022-23 के दौरान वाराणसी में अनेक कार्यक्रमों की मेजबानी की जाएगी, जिसके लिए एससीओ सदस्य राज्यों से मेहमानों को भाग लेने हेतु आमंत्रित किया जाएगा।
- इन आयोजनों में भारतविद्, विद्वान, लेखक, संगीतकार एवं कलाकार, फोटो पत्रकार, यात्रा ब्लॉगर तथा अन्य आमंत्रित अतिथियों के आकर्षित होने की अपेक्षा है।
वाराणसी के बारे में
- वाराणसी को बनारस अथवा काशी के नाम से भी जाना जाता है। यह विश्व के प्राचीनतम शहरों में से एक है।
- यह शहर हिंदू पौराणिक कथाओं तथा इतिहास के लिए जाना जाता है। काशी विश्वनाथ सदृश प्राचीन मंदिर यहां अवस्थित हैं।
- माना जाता है कि गौतम बुद्ध ने अपने शिष्यों को प्रथम उपदेश वाराणसी (सारनाथ) में दिया था।
- यह शहर अध्यात्मवाद, योग, हिंदू पौराणिक कथाओं, संस्कृति तथा संस्कृत भाषा से जुड़ा हुआ है।
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) – प्रमुख बिंदु
- एससीओ के बारे में: शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) 2002 में एससीओ चार्टर के माध्यम से निर्मित किया गया एक स्थायी अंतर सरकारी अंतरराष्ट्रीय संगठन है एवं यह 2003 में प्रवर्तन में आया।
- शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का पूर्ववर्ती संगठन शंघाई फाइव मैकेनिज्म था।
- प्रकार: शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) एक यूरेशियन राजनीतिक, आर्थिक एवं सैन्य संगठन है।
- एससीओ सचिवालय: शंघाई, चीन।
- क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (रीजनल एंटी टेररिस्ट स्ट्रक्चर/RATS) की कार्यकारी समिति: ताशकंद।
- अधिदेश: शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का उद्देश्य क्षेत्र में शांति, सुरक्षा एवं स्थिरता बनाए रखना है।
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) – सदस्य राज्य
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में नौ सदस्य राज्य सम्मिलित हैं (हाल ही में, ईरान को नौवें पूर्ण सदस्य के रूप में स्वीकार किया गया है) अर्थात्-
- भारत गणराज्य,
- कजाकिस्तान गणराज्य,
- चीन का जनवादी गणराज्य,
- किर्गिज गणराज्य,
- पाकिस्तान का इस्लामी गणराज्य,
- रूसी संघ,
- ताजिकिस्तान गणराज्य, एवं
- उज़्बेकिस्तान गणराज्य
- ईरान