Table of Contents
जीवंत ग्राम कार्यक्रम/वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम: यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसका उद्देश्य उत्तरी सीमा पर सीमावर्ती गांवों के स्थानीय प्राकृतिक मानव एवं अन्य संसाधनों के आधार पर आर्थिक चालकों की पहचान करना एवं “हब एंड स्पोक मॉडल” पर विकास केंद्रों का विकास करना है। जीवंत ग्राम कार्यक्रम (वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम/वीवीपी) यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023 एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 2- देश में विभिन्न क्षेत्रों के विकास के लिए विभिन्न सरकारी योजनाएं एवं पहल; जीएस पेपर 3- आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करना- सीमा सुरक्षा, सीमा अवसंरचना निर्माण) के लिए भी महत्वपूर्ण है।
वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम चर्चा में क्यों है?
हाल ही में, केंद्रीय गृह मंत्री ने अरुणाचल प्रदेश के किबिथू में ‘जीवंत ग्राम कार्यक्रम’ (वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम) का शुभारंभ किया। किबिथू अरुणाचल प्रदेश के अंजॉ जिले का एक सीमावर्ती गांव है।
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम
वाइब्रेंट विलेज योजना देश के उत्तरी भूमि सीमा के साथ 4 राज्यों तथा 1 केंद्र शासित प्रदेश के 19 जिलों एवं 46 सीमा ब्लॉकों में आवश्यक आधारिक अवसंरचना के विकास एवं आजीविका के अवसरों के निर्माण के लिए धन प्रदान करेगी।
- पृष्ठभूमि: चीन की बढ़ती उपस्थिति के प्रत्युत्तर में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022 में अपने बजट भाषण के दौरान वाइब्रेंट विलेज प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया।
- परिणामस्वरुप, कैबिनेट ने पहल के लिए 4,800 करोड़ रुपये आवंटित करते हुए वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2025-26 के लिए कार्यक्रम को मंजूरी दी।
- अधिदेश:वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम समावेशी विकास प्राप्त करने तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में आबादी को बनाए रखने में सहायता करेगा।
- पहले चरण में 663 गांवों को कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
- दायरा: वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम 19 जिलों के 2,967 गांवों तथा 4 राज्यों के 46 सीमावर्ती ब्लॉकों एवं देश की उत्तरी भूमि सीमा के साथ 1 केंद्र शासित प्रदेश में लागू किया जाएगा।
- अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम पहल के दायरे में आएंगे।
- अनुदान: जीवंत ग्राम कार्यक्रम (वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम/वीवीपी) को 4800 करोड़ रुपये के वित्तीय आवंटन के साथ स्वीकृति प्रदान की गई थी।
- 4800 करोड़ रुपये के वित्तीय आवंटन में से 2500 करोड़ रुपये का उपयोग सड़कों के लिए किया जाएगा।
- केंद्र बिंदु के क्षेत्र: कार्यक्रम के अनुसार, फोकस क्षेत्र होंगे-
- सड़क संपर्क में सुधार,
- पेयजल, बिजली, मोबाइल एवं इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करना,
- पर्यटन केंद्र, बहुउद्देशीय केंद्र, स्वास्थ्य देखभाल अवसंरचना तथा कल्याण केंद्र का निर्माण करना।
- महत्व: वाइब्रेंट विलेज योजना के परिणामस्वरूप उत्तरी सीमा पर ब्लॉकों के गांवों का व्यापक विकास होगा एवं इस प्रकार चिन्हित सीमावर्ती गांवों में निवास करने वाले लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा।
- इससे लोगों को सीमावर्ती क्षेत्रों में अपने मूल स्थानों में रहने के लिए प्रोत्साहित करने में सहायता मिलेगी तथा इन गांवों से पलायन को प्रतिलोमित कर सीमा की सुरक्षा में सुधार होगा।
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की विशेषताएं
वाइब्रेंट विलेज स्कीम उत्तरी सीमा पर सीमावर्ती गांवों के स्थानीय प्राकृतिक मानव एवं अन्य संसाधनों के आधार पर आर्थिक चालकों की पहचान करने तथा विकसित करने एवं “हब एंड स्पोक मॉडल” पर विकास केंद्रों के विकास में सहायता करती है। यह निम्नलिखित के माध्यम से किया जाना है-
- सामाजिक उद्यमिता को प्रोत्साहन,
- कौशल विकास एवं उद्यमिता के माध्यम से युवाओं एवं महिलाओं का सशक्तिकरण,
- स्थानीय सांस्कृतिक, पारंपरिक ज्ञान एवं विरासत को बढ़ावा देकर पर्यटन क्षमता का लाभ उठाना एवं
- समुदाय आधारित संगठनों, सहकारी समितियों, स्वयं सहायता समूह (सेल्फ हेल्प ग्रुप्स/एसएचजी), गैर सरकारी संगठनों (नॉन गवर्नमेंटल ऑर्गेनाइजेशंस/एनजीओ) इत्यादि के माध्यम से “एक गांव-एक उत्पाद” की अवधारणा पर सतत पर्यावरण-कृषि व्यवसायों का विकास।
वाइब्रेंट विलेज योजना का कार्यान्वयन
जिला प्रशासन ग्राम पंचायतों के सहयोग से वाइब्रेंट विलेज कार्य योजना निर्मित करेगा। केंद्र एवं राज्य की योजनाओं की शत-प्रतिशत संतृप्ति सुनिश्चित की जाएगी।
- जिन प्रमुख परिणामों का प्रयास किया गया है, वे हैं, बारहमासी सड़क, पेयजल, 24×7 बिजली के साथ संपर्क – सौर एवं पवन ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित किया जाना, मोबाइल तथा इंटरनेट कनेक्टिविटी।
- पर्यटन केंद्र, बहुउद्देशीय केंद्र एवं स्वास्थ्य तथा कल्याण केंद्र।
- सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के साथ अतिव्यापन नहीं होगा।
- तीन वर्ष की इस परियोजना के प्रथम चरण में 662 गांवों का विकास किया जाएगा। इनमें से 455 अरुणाचल प्रदेश में हैं।
वाइब्रेंट विलेज योजना, अपेक्षित परिणाम
वाइब्रेंट विलेज योजना के कार्यान्वयन से सीमावर्ती समुदायों के निवासियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होने, उन्हें निवास करने हेतु प्रेरित करने तथा गांवों से पलायन की प्रवृत्ति को प्रतिलोमित की संभावना है। इससे सीमा सुरक्षा सुदृढ़ होने की संभावना है।
- इसके अतिरिक्त, वाइब्रेंट विलेज पहल के तहत मधुमक्खी पालन, कृषि उत्पादकता में वृद्धि करने, स्थानीय हस्तशिल्प तथा उत्पादों को प्रोत्साहित करने एवं बाजारों तक उनकी पहुंच को सुगम बनाने जैसी गतिविधियों को काफी बढ़ावा मिलेगा।
- हालांकि कार्यक्रम हानिरहित प्रतीत हो सकता है, यह पूर्वोत्तर क्षेत्र में चीन के विस्तारवादी एजेंडे का मुकाबला करने के लिए एक प्रभावी रणनीति के रूप में कार्य करता है।
अरुणाचल प्रदेश में किबिथू गांव के बारे में
किबिथु एकांत में स्थित एक गांव है जो समुद्र तल से 9,000 फीट की ऊंचाई पर अवस्थित है तथा भारत एवं चीन की सीमा के समीप अवस्थित है।
- भारत का सर्वाधिक पूर्वी गाँव होने के नाते, यह अरुणाचल प्रदेश के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है, जिसे उगते सूरज की भूमि के रूप में जाना जाता है।
- दुर्भाग्य से, गांव मूलभूत आवश्यकताओं जैसे बिजली, उचित सड़कों एवं स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी से ग्रस्त है, जिससे निवासियों को आवश्यक सेवाओं का लाभ उठाने में असुविधा होती है।
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के बारे में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्र. वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम क्या है?
उत्तर. वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम देश के उत्तरी भूमि सीमा के साथ 4 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेशों के 19 जिलों एवं 46 सीमा ब्लॉकों में आवश्यक आधारिक अवसंरचना के विकास एवं आजीविका के अवसरों के निर्माण के लिए धन प्रदान करेगी।
प्र. वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के लिए आवंटित निधि क्या है?
उत्तर. जीवंत ग्राम कार्यक्रम (वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम/वीवीपी) को 4800 करोड़ रुपये के वित्तीय आवंटन के साथ स्वीकृति प्रदान की गई थी। 4800 करोड़ रुपये के वित्तीय आवंटन में से 2500 करोड़ रुपये का उपयोग सड़कों के लिए किया जाएगा।
प्र. वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम का दायरा क्या है?
उत्तर. वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम 4 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेशों के 19 जिलों एवं 46 सीमावर्ती ब्लॉकों में देश की उत्तरी भूमि सीमा के साथ लागू किया जाएगा।