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विश्वेश्वरैया पीएचडी योजना की यूपीएससी के लिए प्रासंगिकता
विश्वेश्वरैया पीएचडी योजना: यह देश में पीएचडी की संख्या में वृद्धि करने हेतु एक सरकारी पहल है जो विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग (ईएसडीएम) एवं सूचना प्रौद्योगिकी/सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाओं (आईटी/आईटीईएस) के क्षेत्र में विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी हैं।
विश्वेश्वरैया पीएचडी योजना यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा 2023 (जीएस पेपर 3- भारतीय अर्थव्यवस्था एवं भारत से निर्यात में वृद्धि करना) के लिए महत्वपूर्ण है।
विश्वेश्वरैया पीएचडी योजना चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में विश्वेश्वरैया पीएचडी योजना के बारे में विभिन्न जानकारी प्रदान की।
विश्वेश्वरैया पीएचडी योजना
- विश्वेश्वरैया पीएचडी योजना: इसे सरकार द्वारा इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग (ईएसडीएम) एवं आईटी/आईटी सक्षम सेवाओं (आईटी/आईटीईएस) के ज्ञान गहन क्षेत्रों में देश में पीएचडी की संख्या में वृद्धि करने के उद्देश्य से प्रारंभ किया गया है।
- उद्देश्य: विश्वेश्वरैया पीएचडी योजना का उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग (ईएसडीएम) एवं आईटी/आईटी सक्षम सेवाओं (आईटी/आईटीईएस) के ज्ञान गहन क्षेत्रों में विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए पीएचडी की संख्या में वृद्धि करना है।
- मुख्य लाभ: योजना के तहत, पूर्णकालिक एवं अंशकालिक पीएचडी उम्मीदवारों तथा युवा संकाय को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है जो अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी विकास का कार्य कर रहे हैं।
- यह योजना संस्थानों को बुनियादी ढांचा समर्थन भी प्रदान करती है।
- कार्यान्वयन की प्रक्रिया:
- योजना के तहत पीएचडी सीटों के आवंटन के लिए पात्र संस्थानों से प्रस्ताव आमंत्रित किए जाते हैं।
- योजना के प्रयोजन के लिए MeitY द्वारा गठित अकादमिक समिति द्वारा प्रस्तावों पर विचार किया जाता है।
- संस्थानों को पीएचडी की सीटें आवंटित की जाती हैं। ये संस्थान ईएसडीएम/आईटी/आईटीईएस क्षेत्रों के लिए आवंटित सीटों के लिए पीएचडी उम्मीदवारों का नामांकन करते हैं।
- प्रदर्शन: विश्वेश्वरैया पीएचडी योजना के तहत:
- प्रथम चरण में कुल 1423 पीएचडी उम्मीदवारों को सहयोग प्रदान किया गया है।
- अधिक विद्वानों को सम्मिलित करने के उद्देश्य से, 1000 पूर्णकालिक पीएचडी उम्मीदवारों, 150 अंशकालिक पीएचडी उम्मीदवारों, 50 युवा संकाय अनुसंधान छात्रवृत्ति एवं 225 पीएचडी उपरांत (पोस्ट-डॉक्टोरल) फेलोशिप का समर्थन करने के लिए 9 वर्ष की अवधि के लिए विश्वेश्वरैया पीएचडी योजना का चरण- II प्रारंभ किया गया है।
- 1000 पूर्णकालिक पीएचडी सीटों में से 200 पूर्णकालिक पीएचडी सीटें देश भर के 70 संस्थानों को प्रथम वर्ष अर्थात शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के लिए पूर्व में ही आवंटित की जा चुकी हैं।
वित्तीय सहायता के विवरण
विश्वेश्वरैया पीएचडी योजना: चरण- I (2014-2023)
- पूर्णकालिक पीएचडी उम्मीदवारों के लिए:
- फेलोशिप: 38,750/- रुपए प्रति माह (I एवं II वर्ष); 43,750/- रुपए (III से V वर्ष)
- वार्षिक आकस्मिक अनुदान सहायता: 30,000/- रुपये प्रति वर्ष
- भारत सरकार के नियमों के अनुसार किराए की प्रतिपूर्ति
- 50,000/- रुपये तक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के लिए समर्थन
- अंशकालिक पीएचडी उम्मीदवारों के लिए:
- पीएचडी पूरा करने के पश्चात 2,50,000/- रुपये का एकमुश्त प्रोत्साहन
- अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी विकास करने वाले युवा संकाय अनुसंधान अध्येताओं के लिए:
- फेलोशिप @ 20,000 / – रुपये प्रति माह
- शोध आकस्मिकता अनुदान 5,00,000/- रुपये प्रति वर्ष अधिकतम 5 वर्ष की अवधि के लिए
- योजना के तहत पीएचडी उम्मीदवारों को पंजीकृत करने वाले संस्थान को सहायता:
- प्रति उम्मीदवार 5,00,000/- रुपये तक का अनुसंधान ढांचागत अनुदान
- संस्थागत उपरिव्यय: 25,000 / – रुपये प्रति वर्ष / पूर्णकालिक अभ्यर्थी।
विश्वेश्वरैया पीएचडी योजना: चरण- II (2021-2030)
- पूर्णकालिक पीएचडी उम्मीदवारों के लिए:
- फैलोशिप: 38,750/- रुपये प्रति माह (I एवं II वर्ष); 43,750/- रुपए (III से V वर्ष)
- भारत सरकार के नियमों के अनुसार किराए की प्रतिपूर्ति योजना
- योजना के तहत पीएचडी उम्मीदवारों को पंजीकृत करने वाले संस्थानों को अनुसंधान आकस्मिकता अनुदान @ 1,20,000 / – रुपये प्रति वर्ष प्रति पूर्णकालिक उम्मीदवार
- योजना के तहत पीएचडी उम्मीदवारों को पंजीकृत करने वाले संस्थानों को अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए 1,50,000 / – रुपए तक का समर्थन
- अंशकालिक पीएचडी उम्मीदवारों के लिए: पीएचडी पूर्ण करने के पश्चात 3,00,000/- रुपये का एकमुश्त प्रोत्साहन
- युवा संकाय अनुसंधान फेलो के लिए
- फेलोशिप @ 20,000 / – रुपये प्रति माह
- शोध आकस्मिकता अनुदान 5,00,000/- रुपये प्रति वर्ष अधिकतम 5 वर्ष की अवधि के लिए
- योजना के तहत पीएचडी उम्मीदवारों को पंजीकृत करने वाले संस्थान को सहायता:
- संस्थागत उपरिव्यय: 25,000 / – रुपये प्रति वर्ष / पूर्णकालिक उम्मीदवार।
विश्वेश्वरैया पीएचडी योजना के संदर्भ में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्र. विश्वेश्वरैया पीएचडी योजना क्या है?
उत्तर. विश्वेश्वरैया पीएचडी योजना का उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग (ईएसडीएम) एवं आईटी/आईटी सक्षम सेवाओं (आईटी/आईटीईएस) के ज्ञान गहन क्षेत्रों में विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए देश में पीएचडी की संख्या में वृद्धि करना है।
प्र. विश्वेश्वरैया पीएचडी योजना कौन सा मंत्रालय लागू कर रहा है?
उत्तर. विश्वेश्वरैया पीएचडी योजना इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के समग्र पर्यवेक्षण एवं मार्गदर्शन में कार्यान्वित की जा रही है।