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व्योमित्र मानवाभ (ह्यूमनॉइड): यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- सामान्य अध्ययन III- सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-प्रौद्योगिकी, जैव-प्रौद्योगिकी, औषधि क्षेत्र एवं स्वास्थ्य विज्ञान के क्षेत्र में जागरूकता।
व्योमित्र ह्यूमनॉइड: प्रसंग
- गगनयान मानव अंतरिक्ष-उड़ान मिशन से पूर्व मानव रहित परीक्षण मिशन पर उड़ान भरने के लिए इसरो द्वारा डिजाइन तथा विकसित किए गए ह्यूमनॉइड व्योमित्र, इसरो इनर्टियल सिस्टम यूनिट (आईआईएसयू) में उड़ान पूर्व जमीनी परीक्षण (प्री-फ्लाइट ग्राउंड टेस्ट) से गुजर रहा है।
व्योमित्र ह्यूमनॉइड
- कृत्रिम प्रज्ञान (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस/एआई)-आधारित रोबोटिक प्रणाली को तिरुवनंतपुरम के थुम्बा में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर/वीएसएससी) में एक रोबोटिक्स प्रयोगशाला में विकसित किया गया है।
- कृत्रिम प्रज्ञान-सक्षम रोबोट को उड़ान के दौरान कंपन और झटके को झेलने के लिए रॉकेट पर सवार होने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- व्योमित्र 2024 में अपेक्षित मानव युक्त गगनयान उड़ान से पूर्व मानव रहित परीक्षण उड़ान भरेगा।
- गगनयान के चालक दल उपयान (क्रू मॉड्यूल) के अंदर चालक दल की गतिविधि का अनुकरण करने हेतु सिर, दो भुजाओं एवं एक धड़ से लैस व्योमित्र का निर्माण किया गया है।
व्योमित्र ह्यूमनॉइड: तथ्य
- गगनयान मानव अंतरिक्ष-उड़ान मिशन से पूर्व मानव रहित परीक्षण मिशनों पर उड़ान भरने के लिए इसरो द्वारा डिजाइन एवं विकसित किया गया ह्यूमनॉइड ‘व्योममित्र’ का प्री-फ्लाइट ग्राउंड टेस्ट संचालित किया जा रहा है।
- व्योमित्र एक अर्ध-ह्यूमनॉइड है जिसमें निचले अंगों का अभाव होता है।
- आईआईएसयू रोबोट के डिजाइन, विकास एवं एकीकरण हेतु उत्तरदायी था, जबकि थुंबा में इसरो केंद्र विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) ने इसकी उंगलियां विकसित कीं।
- प्रक्षेपण एवं कक्षीय स्थिति प्राप्त करना, पर्यावरण को प्रत्युत्तर प्रदान करना, चेतावनी उत्पन्न करना, कार्बन डाइऑक्साइड कनस्तरों को बदलना तथा स्विच का संचालन करना, चालक दल उपयान (क्रू मॉड्यूल) की निगरानी, वॉयस कमांड प्राप्त करना तथा कथन (द्विभाषी) के माध्यम से प्रतिक्रिया व्यक्त करना सूचीबद्ध कार्यों में से हैं।
व्योमित्र ह्यूमनॉइड: हालिया विकास
- आईआईएसयू ने इसे सफलतापूर्वक एक कंप्यूटर “मस्तिष्क” के साथ एकीकृत किया है, जो इसे मानव रहित परीक्षण उड़ानों पर नियंत्रण पैनलों को “पढ़ने” एवं इसरो ग्राउंड स्टेशनों के साथ संचार करने में सक्षम बनाता है।
- इसमें एक निश्चित स्तर की बुद्धिमत्ता होती है।
- इसका उद्देश्य डिस्प्ले पैनल को संचालित करना एवं पढ़ना है तथा अपने स्वर का उपयोग करके ग्राउंड स्टेशन पर वापस संचार करना है।