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राष्ट्रीय स्वच्छ वायु अभियान (नेशनल क्लीन एयर कैंपेन/NCAP) ट्रैकर क्या है?: राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) 2019 में प्रारंभ किया गया गैर-प्राप्ति वाले शहरों में बेहतर वायु गुणवत्ता के लिए भारत का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है। राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम का समग्र उद्देश्य रोकथाम, नियंत्रण के लिए व्यापक शमन कार्रवाई एवं देश भर में वायु गुणवत्ता निगरानी नेटवर्क को संवर्धित करने तथा जागरूकता तथा क्षमता निर्माण गतिविधियों को मजबूत करने के अतिरिक्त वायु प्रदूषण में कमी करना है।
एनसीएपी क्या है?
- कई वर्षों के साक्ष्य के पश्चात कि अनेक भारतीय शहर विश्व के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में से थे, सरकार ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम का प्रारंभ किया, जिसने 10 जनवरी, 2019 को भारत के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में से 131 के लिए वित्त उपलब्ध कराने के साथ-साथ लक्ष्य भी निर्धारित किए।
- 131 शहरों को गैर-प्राप्ति वाले शहर कहा जाता है, क्योंकि वे राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता निगरानी कार्यक्रम (नेशनल एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम/एनएएमपी) के तहत 2011-15 की अवधि के लिए राष्ट्रीय परिवेश वायु गुणवत्ता मानकों (नेशनल एंबिएंट एयर क्वालिटी स्टैंडर्ड्स/एनएएक्यूएस) को पूरा नहीं करते थे।
एनएएक्यूएस के बारे में जानें
- राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक (NAAQS) वायु गुणवत्ता के मानक हैं जो केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड/CPCB) द्वारा निर्धारित किए जाते हैं जो संपूर्ण देश में लागू होते हैं।
- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को यह शक्ति वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 से प्राप्त होती है।
- प्रथम परिवेशी वायु गुणवत्ता मानकों को 1982 में वायु अधिनियम के अनुसार विकसित किया गया था।
- वर्तमान मानकों (2009) में निम्नानुसार 12 प्रदूषक शामिल हैं:
- कणिकीय पदार्थ अथवा पार्टिकुलेट मैटर 10 (PM10)
- कणिकीय पदार्थ 5 (PM2.5)
- नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2)
- सल्फर डाइऑक्साइड (SO2)
- कार्बन मोनोऑक्साइड (CO)
- ओजोन (O3)
- अमोनिया (NH3)
- सीसा (PB)
- बेंजीन
- बेंजो पायरीन
- आर्सेनिक
- निकल
गैर-प्राप्ति शहरों के बारे में जानें?
एक गैर-प्राप्ति शहर वह है जिसकी वायु 2011 से 2015 के राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानकों को पूरा नहीं करती है। ऐसे शहरों के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) प्रारंभ किया गया था, जो कणिकीय पदार्थ PM2 से प्रदूषण के स्तर में 20-30 प्रतिशत की कमी लाने का प्रयत्न कर रहा था। |
एनसीएपी ने कौन से लक्ष्य स्तर निर्धारित किए?
- कणिकीय पदार्थ अथवा पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5 एवं PM10) के दो मुख्य वर्गों के लिए देश की वर्तमान, वार्षिक औसत निर्धारित सीमा 40 माइक्रोग्राम/प्रति घन मीटर (ug/m3) एवं 60 माइक्रोग्राम/प्रति घन मीटर है।
- राष्ट्रीय स्वच्छ वायु अभियान ने प्रारंभ में 2024 में प्रमुख वायु प्रदूषकों PM10 एवं PM2.5 को कम कर 20-30% तक रखने का का लक्ष्य रखा था, जिसमें सुधार के लिए 2017 में प्रदूषण के स्तर को आधार वर्ष के रूप में लिया गया था।
- सितंबर 2022 में, केंद्र ने 2026 तक राष्ट्रीय स्वच्छ वायु अभियान (NCAP) के तहत आने वाले शहरों में कणिकीय पदार्थ के संकेंद्रण में 40% की कमी का नया लक्ष्य निर्धारित किया।
एनसीएपी ट्रैकर द्वारा नवीनतम विश्लेषण
- एनसीएपी ट्रैकर, वायु प्रदूषण नीति में सक्रिय दो संगठनों, क्लाइमेट ट्रेंड्स एवं रेस्पिरर लिविंग साइंसेज की एक संयुक्त परियोजना है, जो एनसीएपी के तहत निर्धारित 2024 स्वच्छ वायु लक्ष्यों को प्राप्त करने में प्रगति की निगरानी कर रही है।
- विश्लेषण में पाया गया है कि 2022 की शीर्ष 10 सर्वाधिक प्रदूषित शहरों की सूची में अधिकांश शहर भारतीय-गंगा के मैदान से हैं।
- बिहार के तीनों गैर-प्राप्ति वाले शहर – पटना, मुजफ्फरपुर एवं गया, अब पीएम 2.5 स्तरों के आधार पर शीर्ष 10 में शामिल हैं।
- पीएम 2.5 के लिए 2022 में सर्वाधिक प्रदूषित शीर्ष दस शहर दिल्ली, फरीदाबाद, गाजियाबाद, पटना, मुजफ्फरपुर, नोएडा, मेरठ, गोबिंदगढ़, गया तथा जोधपुर थे।
- पीएम 10 के आधार पर 2022 में सर्वाधिक प्रदूषित शीर्ष दस शहर गाजियाबाद, फरीदाबाद, दिल्ली, नोएडा, पटना, मेरठ, मुजफ्फरपुर, दुर्गापुर, जोधपुर एवं औरंगाबाद थे।
- 2022 में भारत में सर्वाधिक स्वच्छ शहर की स्थिति संयुक्त रूप से कश्मीर में श्रीनगर एवं नागालैंड में कोहिमा द्वारा आयोजित की गई थी।
एनसीएपी ट्रैकर क्या है?
- एनसीएपी ट्रैकर राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के क्रियान्वयन तथा इसकी प्रभावशीलता पर अपडेट के साथ एक नीति ट्रैकर है।
- यह सरकार द्वारा संचालित निगरानी स्टेशनों से संकलित वायु गुणवत्ता डेटा का विश्लेषण करता है एवं 2024 के राष्ट्रीय स्वच्छ वायु लक्ष्यों को प्राप्त करने में कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा करता है।
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु अभियान (एनसीएपी) ट्रैकर के बारे में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्र. एनसीएपी के तहत एक गैर-प्राप्ति शहर क्या है?
उत्तर. एक गैर-प्राप्ति शहर वह है जिसकी वायु 2011 से 2015 के राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानकों को पूरा नहीं करती है। ऐसे शहरों के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) प्रारंभ किया गया था, जो कणिकीय पदार्थ PM2 से प्रदूषण के स्तर में 20-30 प्रतिशत की कमी लाने का प्रयत्न कर रहा था।
प्र. एनएएक्यूएस क्या है?
उत्तर. राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक (NAAQS) वायु गुणवत्ता के मानक हैं जो केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड/CPCB) द्वारा निर्धारित किए जाते हैं जो संपूर्ण देश में लागू होते हैं।
प्र. एनसीएपी क्या है?
उत्तर. 2019 में प्रारंभ किए गए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम/एनसीएपी) गैर-प्राप्ति वाले शहरों में बेहतर वायु गुणवत्ता के लिए भारत का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है।