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विश्व बैंक का रसद प्रदर्शन सूचकांक 2023: यह विश्व बैंक द्वारा 2010 से जारी एक द्विवार्षिक रिपोर्ट है, जिसका उद्देश्य भाग लेने वाले 139 देशों में रसद क्षेत्र को मजबूत एवं धारारेखित बनाना है। रसद प्रदर्शन सूचकांक 2023 यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023 एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 2- भारत के रसद क्षेत्र को विकसित करने के लिए विभिन्न शासन उपाय एवं पहल) के लिए भी महत्वपूर्ण है।
विश्व बैंक का रसद प्रदर्शन सूचकांक चर्चा में क्यों है?
विश्व बैंक द्वारा जारी रसद प्रदर्शन सूचकांक (लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स/LPI 2023) के 7वें संस्करण में भारत 139 देशों के मध्य 38वें स्थान पर पहुंचने के लिए छह पायदान ऊपर आ गया है, जो देश की लॉजिस्टिक्स रैंकिंग में सुधार का संकेत देता है।
रसद प्रदर्शन सूचकांक 2023 में भारत का प्रदर्शन
2018 में, भारत को एलपीआई सूचकांक में 44 वें स्थान पर रखा गया था, किंतु अब यह नवीनतम रसद प्रदर्शन सूचकांक 2023 रैंकिंग में 38वें स्थान पर पहुंच गया है। 2014 के बाद से देश के प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है, जब इसे रसद प्रदर्शन सूचकांक (लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स/एलपीआई) में 54 वें स्थान पर रखा गया था।
- प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारत अपनी रसद दक्षता बढ़ाने के लिए 2015 से अनेक पहलों को क्रियान्वित कर रहा है।
- विश्व बैंक ने इस संबंध में भारत के प्रयासों को मान्यता दी है तथा देश ने छह एलपीआई संकेतकों में से चार में महत्वपूर्ण सुधार का प्रदर्शन किया है, जिसका श्रेय हाल के वर्षों में लागू किए गए विभिन्न उपायों को जाता है।
- रिपोर्ट के अनुसार, भारत की आधारिक अवसंरचना के स्कोर में पांच स्थान का सुधार हुआ है, जो 2018 में 52 वीं रैंक से बढ़कर 2023 में 47 वीं रैंक पर पहुंच गया।
- इसके अतिरिक्त, अंतर्राष्ट्रीय शिपमेंट के लिए भारत की रैंकिंग में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई, जो 2018 में 44वें स्थान से बढ़कर 2023 में 22वें स्थान पर पहुंच गई।
- इसके अतिरिक्त, देश की रसद क्षमता और समानता रैंकिंग में भी सुधार हुआ है, जो चार स्थान ऊपर चढ़कर 48वें स्थान पर पहुंच गया है।
- भारत ने रैंकिंग में 17 स्थानों की उल्लेखनीय वृद्धि का अनुभव किया है, जबकि ट्रैकिंग तथा ट्रेसिंग में यह तीन स्थान ऊपर चढ़कर 38वें स्थान पर पहुंच गया है।
- रिपोर्ट में आधुनिकीकरण एवं डिजिटलीकरण को उन कारकों के रूप में रेखांकित किया गया है जिन्होंने भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं को उन्नत देशों से आगे निकलने में सक्षम बनाया है।
- रिपोर्ट के अनुसार, भारत तथा सिंगापुर दोनों के लिए मई एवं अक्टूबर 2022 के मध्य कंटेनरों के भंडारण का औसत समय तीन दिन था, जो कुछ औद्योगिक देशों की तुलना में काफी बेहतर है।
- अमेरिका के लिए ठहराव का समय सात दिन था, जबकि जर्मनी के लिए यह 10 दिन था।
रसद प्रदर्शन सूचकांक (लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स/LPI) से संबंधित विवरण
विश्व बैंक ने 2010 से 2018 तक द्विवार्षिक रूप से रसद प्रदर्शन सूचकांक (LPI) जारी किया, किंतु कोविड-19 महामारी एवं सूचकांक पद्धति के पुनर्गठन के कारण, रिपोर्ट को 2020 में छोड़ दिया गया एवं अंततः LPI 2023 के रूप में प्रकाशित किया गया।
- 139 देशों में रसद प्रदर्शन की तुलना करने की क्षमता के साथ, एलपीआई 2023 रिपोर्ट का नवीनतम संस्करण है।
- इसके अतिरिक्त, पहली बार, एलपीआई 2023 में बड़े डेटा समुच्चययों से प्राप्त संकेतक शामिल हैं जो शिपमेंट को ट्रैक करते हैं, जिससे व्यापार गति का मापन सक्षम होता है।
रसद प्रदर्शन सूचकांक (LPI) से संबंधित मापदंड
रसद प्रदर्शन सूचकांक (LPI) विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला संपर्कों तथा इसे सुविधाजनक बनाने वाले अंतर्निहित संरचनात्मक कारकों के निर्माण में सुगमता का आकलन करता है। रसद प्रदर्शन का मूल्यांकन करने हेतु, एलपीआई छह मानकों की जांच करता है, जो हैं:
- सीमा शुल्क प्रदर्शन
- आधारभूत संरचना की गुणवत्ता
- शिपमेंट की व्यवस्था करने में सुगमता
- रसद सेवाओं की गुणवत्ता
- खेप ट्रैकिंग तथा अनुरेखण
- शिपमेंट की समयबद्धता
अंतर्राष्ट्रीय रसद प्रदर्शन सूचकांक (एलपीआई)
एक अन्योन्य क्रियाशील मापदंड उपकरण (इंटरएक्टिव बेंचमार्किंग टूल) के रूप में डिज़ाइन किया गया, LPI का उद्देश्य देशों को उनके व्यापार रसद प्रदर्शन में आने वाली बाधाओं तथा संभावनाओं की पहचान करने में सहायता करना एवं उनके समग्र प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए रणनीति तैयार करने में सहायता करना है। एलपीआई में दो प्रमुख घटक शामिल हैं।
- सर्वप्रथम, अंतरराष्ट्रीय रसद संचालकों जैसे वैश्विक फ्रेट फारवर्डर्स एवं एक्सप्रेस कैरियर्स का एक वैश्विक सर्वेक्षण, जो उन देशों की रसद मित्रता पर अपनी राय प्रदान करते हैं जिनके साथ वे व्यापार करते हैं। यह अंतर्राष्ट्रीय एलपीआई 2023, 139 देशों में रसद प्रदर्शन की तुलना करने में सक्षम बनाता है।
- दूसरा, एलपीआई समुद्री नौवहन, कंटेनर ट्रैकिंग, एयर फ्रेट एवं डाक गतिविधियों पर विस्तृत तथा निरंतर सूचना उपलब्धता पर भी निर्भर करता है, जिसे अनेक डेटा भागीदारों द्वारा एकत्र किया गया है एवं एलपीआई के लिए सुलभ बनाया गया है।
विश्व बैंक का रसद प्रदर्शन सूचकांक 2023 के बारे में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्र. रसद प्रदर्शन सूचकांक (लॉजिस्टिक परफॉर्मेंस इंडेक्स/LPI) 2023 क्या है?
उत्तर. LPI 2023 विश्व बैंक द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट है जो छह मापदंडों के आधार पर 139 देशों के रसद प्रदर्शन का आकलन करती है।
प्र. रसद प्रदर्शन सूचकांक (LPI) 2023 में किन छह मापदंडों पर विचार किया गया है?
उत्तर. एलपीआई 2023 में विचार किए गए छह मापदंड हैं:
- सीमा शुल्क प्रदर्शन
- आधारभूत संरचना की गुणवत्ता
- शिपमेंट की व्यवस्था में सुगमता
- रसद सेवाओं की गुणवत्ता
- खेप ट्रैकिंग एवं अनुरेखण
- शिपमेंट की समयबद्धता
प्र. एलपीआई 2023 अपने विगत संस्करणों से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर. LPI 2023 रिपोर्ट का नवीनतम संस्करण है जो पूर्व में प्रत्येक दो वर्ष में प्रकाशित होता था, किंतु कोविड-19 महामारी के कारण 2020 में इसे छोड़ दिया गया था। एलपीआई 2023 में बड़े डेटा समुच्चयों से प्राप्त नए संकेतक भी शामिल हैं जो शिपमेंट को ट्रैक करते हैं, जिससे व्यापार की गति का मापन होता है।
प्र. एलपीआई 2023 में भारत की रैंकिंग क्या है?
उत्तर. भारत एलपीआई 2023 में 139 देशों में से 38वें स्थान पर है, जो 2018 में विगत रैंकिंग से छह स्थान ऊपर है।
प्र. भारत की बेहतर लॉजिस्टिक रैंकिंग के पीछे कौन से कारक हैं?
उत्तर. रिपोर्ट के अनुसार, भारत की बेहतर लॉजिस्टिक्स रैंकिंग का श्रेय सरकार द्वारा 2015 के बाद से लॉजिस्टिक दक्षता में सुधार के लिए की गई पहलों को दिया जा सकता है, विशेष रूप से आधारिक अवसंरचना एवं अंतरराष्ट्रीय शिपमेंट जैसे क्षेत्रों में।