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विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस, 2023: विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस प्रत्येक वर्ष भारत सहित संपूर्ण विश्व में उपभोक्ता अधिकारों के प्रति जागरूकता को प्रोत्साहित करने तथा उपभोक्ताओं को सूचित करने के लिए मनाया जाता है कि उल्लंघन के मामले में अपने अधिकारों को किस प्रकार प्रवर्तित किया जाए। विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस, 2023 यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023 एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 2- देश में सुशासन के लिए सरकार की विभिन्न नीतियां एवं कार्यक्रम) के लिए भी महत्वपूर्ण है।
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस, 2023 चर्चा में क्यों है?
उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा बुधवार, 15 मार्च 2023 को विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस, 2023 मनाया जा रहा है। इस संदर्भ में उपभोक्ता मामले विभाग की अपर सचिव श्रीमती निधि खरे ने मीडियाकर्मियों से बातचीत की एवं विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस, 2023 के थीम की जानकारी दी। ।
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस की पृष्ठभूमि
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस का विचार प्रथम बार 15 मार्च, 1983 को व्यक्त किया तथा मनाया गया। यह 15 मार्च, 1962 को अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन फिट्जगेराल्ड कैनेडी के अमेरिकी कांग्रेस के संबोधन से प्रेरित था।
- 15 मार्च 1962 को, राष्ट्रपति कैनेडी ने उपभोक्ता अधिकारों के मुद्दे को संबोधित किया तथा इसके महत्व पर बल दिया एवं उपभोक्ता अधिकारों के बारे में बात करने वाले विश्व के प्रथम नेतृत्वकर्ता बने।
- 1983 से, हर साल 15 मार्च के दिन, कंज्यूमर इंटरनेशनल जैसे अनेक संगठनों ने उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के लिए कार्यक्रम एवं अभियान आयोजित करके इस अवसर को मनाया है।
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस, 2023
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस, 2023 उत्सव का आयोजन उपभोक्ताओं को उनके उपभोक्ता अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए किया जाता है। विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के तहत आयोजित व्यापक उपभोक्ता जागरूकता अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उपभोक्ता बाजार शोषण या अन्याय के अधीन नहीं हैं जो उनके अधिकारों को खतरे में डाल सकता है।
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस, 2023 की थीम
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस, 2023 का आयोजन “स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण के माध्यम से उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना” (एंपावरिंग कंज्यूमर्स थ्रू क्लीन एनर्जी ट्रांजिशंस) की थीम पर किया जा रहा है। इसके माध्यम से, विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 2023 का उद्देश्य उपभोक्ता सशक्तिकरण के बारे में जागरूकता में वृद्धि करना तथा स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन के लिए तेजी से आगे बढ़ने में उनकी भूमिका है।
भारत में उपभोक्ता अधिकार
उपभोक्ता संरक्षण (कंस्यूमर प्रोटेक्शन/सीपी) अधिनियम 2019 भारत में उपभोक्ता अधिकारों के संरक्षण से संबंधित है। यह एक व्यक्ति को एक उपभोक्ता के रूप में परिभाषित करता है जो सेवाओं का लाभ उठाता है या प्रतिफल के लिए स्व-उपयोग हेतु किसी वस्तु का क्रय करता है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम एक व्यक्ति को इसके कवरेज से बाहर करता है जो पुनर्विक्रय के लिए किसी वस्तु अथवा वाणिज्यिक उद्देश्य के लिए किसी वस्तु अथवा सेवा को प्राप्त करता है।
- कवरेज: इसने ऑफलाइन एवं इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों, टेलीशॉपिंग, मल्टी-लेवल मार्केटिंग अथवा प्रत्यक्ष बिक्री (डायरेक्ट सेलिंग) सहित सभी माध्यमों से लेनदेन के लिए अपने कवरेज का विस्तार किया है।
- उपभोक्ता अधिकारों को परिभाषित करता है: यह छह उपभोक्ता अधिकार प्रदान करता है तथा वे हैं-
- सुरक्षा का अधिकार।
- सूचना पाने का अधिकार।
- चुनने का अधिकार।
- सुने जाने का अधिकार।
- निवारण चाहने का अधिकार।
- उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार।
उपभोक्ताओं के लिए विवाद निवारण तंत्र
2019 का उपभोक्ता संरक्षण (सीपी) अधिनियम जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमिशन/सीडीआरसी) का प्रावधान करता है। सीडीआरसी का अधिकार क्षेत्र-
- जिला सीडीआरसी: वस्तु एवं सेवाओं के 1 करोड़ मूल्य तक के परिवाद।
- राज्य सीडीआरसी: 1 करोड़ से अधिक किंतु 10 करोड़ से कम मूल्य की वस्तुएं एवं सेवाओं की शिकायतें।
- राष्ट्रीय सीडीआरसी: 10 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की वस्तुओं एवं सेवाओं की शिकायतों के लिए।
- नेशनल सीडीआरसी के आदेश के विरुद्ध अपील सर्वोच्च न्यायालय में की जाती है।
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के संदर्भ में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
- विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस कब मनाया जाता है?
उत्तर. विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस प्रतिवर्ष 15 मार्च को मनाया जाता है।
- विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 2023 की थीम क्या है?
उत्तर. विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 2023 का विषय “स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण के माध्यम से उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना” (एंपावरिंग कंज्यूमर्स थ्रू क्लीन एनर्जी ट्रांजिशंस) है।
- भारत में उपभोक्ताओं को कितने उपभोक्ता अधिकार उपलब्ध हैं?
उत्तर. 2019 का उपभोक्ता संरक्षण (कंस्यूमर प्रोटेक्शन/सीपी) अधिनियम छह उपभोक्ता अधिकारों का प्रावधान करता है तथा वे हैं-
- सुरक्षा का अधिकार।
- सूचना पाने का अधिकार।
- चुनने का अधिकार।
- सुने जाने का अधिकार।
- निवारण चाहने का अधिकार।
- उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार।